Madhya Pradesh School Heavy Bags Policy 2020 Report: मध्यप्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 (school bag policy 2020) का पालन नहीं किया जा रहा है। बच्चें अपनी क्षमता से अधिक भारी स्कूल बैग ढोने को मजबूर हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे हर चौथे बच्चे की पीठ, कमर और गर्दन में दर्द की समस्या बढ़ रही हैं, जो बच्चों के शारीरिक और मानसीक विकास को अनबैलेंस करने का काम कर रही हैं।
एक स्कूल में मिली लापरवाही
शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत 16 जून, 2025 से स्कूल बैग की जांच की जाना थी। डीईओ नरेंद्र अहिरवार ने संकुल प्राचार्यों को अब जांच के निर्देश दिए हैं। पिछले दो दिन में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को एक रिपोर्ट मिली। सरोजिनी नाइडू स्कूल संकुल प्राचार्य की टीम ने जांच की। इसमें एक स्कूल का प्रतिवेदन सामने आया है। जहां क्षमता से अधिक स्कूल बैग का वजन ढोते बच्चे मिले हैं।
अधिक वजन- प्राचार्य जिम्मेदार
जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार के अनुसार, स्कूल बैग पॉलिसी-2020 में हर क्लास के बच्चे के बैग का वजन तय है। यह क्षमता गाइडलाइन अनुसार बनाई है। इससे अधिक वजनी स्कूल सामग्री बैग नहीं ढो सकते। तय क्षमता से ज्यादा भारी स्कूल बैग के लिए संबंधित स्कूल प्राचार्य जिम्मेदार होंगे।
क्या होना चाहिए ?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे के वजन का 10 से 15 प्रतिशत वजनी स्कूल बैग होना चाहिए। स्कूल बैग का साइज बच्चे के शारीरिक आकार के हिसाब से इस्तेमाल करना चाहिए, जो पीठ से कमर तक पुरी तरह फीटिंग में हो। शोल्डर के बेल्ट चौड़े और फॉम लगे हो। नीचे से बैग को बैलेंस करने कमर बेल्ट होना चाहिए। इससे बैग का भार एक ही जगह नहीं पड़ेगा।
जुर्माना, मान्यता रद्द का प्रावधान
स्कूल बैग पॉलिसी 2020 का उल्लंघन करने पर 3 लाख तक के जुर्माना का प्रावधान है। बार-बार उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई समेत मान्यता रद्द करने का भी नियम है।
45 संकुल प्राचार्य पर जिम्मा
- भोपाल में सरकारी और निजी कुल 1500 से अधिक स्कूले संचालित हैं।
- जिनकी जांच के लिए 45 संकुल प्राचार्यों को चार्ज दिया हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटे से बैग का वजन जांच रहे हैं।