इंदौर। MP School Collector Big Order अब स्कूल और दुकान संचालकों Indore News की सांठ—गांठ से अभिभावकों को ठगा नहीं जाएगा। जी हां अब स्कूल वाले तीन साल के पहले न तो ड्रेस चेंज कर पाएंगे। न ही सिलेबस की किताबों में किसी MP School Collector Big Order भी तरह का कोई बदलाव किया जाएगा। इसे लेकर कलेक्टर Indore Collector द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।
एमपी के इंदौर में अभिभावकों के पक्ष में एक बड़ा फैसला लेते हुए ये आदेश जारी किया है। MP School Collector Big Order जिसमें उन्होंने कहा है कि अब इंदौर Indore के स्कूलों में तीन वर्ष Three Years के पहले स्कूलों की ड्रेस school Uniform और किताबों Books को बदला नहीं जाएगा।
मोनोपॉली होगी खत्म —
आपको बता दें इंदौर में स्कूल ड्रेस और कॉपी-किताबों के संबंध में स्कूलों की मोनोपोली समाप्त करने के लिए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ.इलैयाराजा टी ने धारा 144 में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने की सराहना —
आपको बता दें इंदौर कलेक्टर के इस आदेश को लेकर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कलेक्टर का ये फैसला बिल्कुल सही है।
इंदौर जिला प्रशासन द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में अकारण के खर्चों पर रोक लगाने के लिए एक अच्छी पहल की है। pic.twitter.com/hGMBOEXpPI
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) April 6, 2023
पूरे अप्रैल में अपनाएं दूसरी शैक्षणिक पद्धति —
आपको बता दें इंदौर कलेक्टर द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसके अनुसार कोई भी स्कूल शैक्षणिक सत्र की शुरूआती एक महीने यानि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पुस्तक न होने की उपस्थित में ओरिएंटेशन व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक पद्धति से शिक्षण कार्य पर जोर देगा।
मैं इस फैसले को सही मानता हूं.
गृहमंत्री ने कहा इंदौर में स्कूल संचालक और किताब, यूनिफॉर्म विक्रेताओं की सांठगांठ और गठबंधन को तोड़ने के लिए के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने पर गृह मंत्री ने कहा कि मैं इस फैसले को सही मानता हूं…
3 पुस्तकें हैं तो 6 क्यों लें
बच्चे स्कूल में जाते हैं और उनको कह दिया जाता है कि इस दुकान से आप पुस्तके लें,उस दुकान पर जाते तो 5- 6 पुस्तिका देता है पहले से 3 पुस्तकें हैं तो 6 क्यों लें, लेनी पड़ती…
अकारण के खर्चे
ड्रेस हर साल बदल जाती है पहले ड्रेस ना बदली जाए यह भी उस आदेश में लिखा गया… अकारण के बंधन और अकारण के नियम अकारण के खर्चे को रोकने के लिए तरीके के आदेश निकाला गया है…
अभिभावकों में खुशी —
कलेक्टर के इस फैसले से अभिभावक बेहद खुश हैं। उनके अनुसार जो निम्न वर्ग के लोग हैं उन्हें कलेक्टर के इस बड़े फैसले से लाभ होगा। इतना ही नहीं इसे लेकर अब एमपी के अन्य जिलों के अभिभावकों का भी मानना है कि ऐसा आदेश सभी जिलों में लागू होना चाहिए। ताकि स्कूल संचालकों और दुकानदारों की मनमानी से अभिभावकों पर पड़ने वाला अतिरिक्त बोझ कम हो सके।