E-Registry In MP: मध्य प्रदेश में आज से संपदा-2 (Sampada 2.0) सॉफ्टवेयर और एप की शुरूआत हो रही है। यह सॉफ्टवेयर आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित होगा। संपदा-2 के लागू होने से विभाग में पंजीयन का तरीका बदल जाएगा। सीएम मोहन यादव ने भोपाल में संपदा-2.0 एप और पोर्टल का शुभारंभ किया है। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, वॉट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है।
सॉफ्टवेयर हुआ पायलट प्रोजेक्ट
कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल से ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग की नवीन प्रणाली पर विकसित सॉफ्टवेयर 'संपदा -2.0' का प्रदेश स्तरीय शुभारंभ #Sampada2_MP #EaseOfLiving #ModiJi https://t.co/l0iIzdZkdO
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 10, 2024
इससे पहले संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर को गुना, हरदा, डिंडौरी और रतलाम जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया गया था। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली थी। अब इसे पूरे प्रदेश के 55 जिलों में लागू किया जा रहा है।
मोबाइल पर मिलेगी ई- रजिस्ट्री
संपदा-2 प्रणाली के माध्यम से, पक्षकारों को उनके मोबाइल पर ई-रजिस्ट्री प्राप्त होगी। इस प्रक्रिया में आधार की ओटीपी की आवश्यकता होगी, जो हर चरण में लगेगी। यदि आधार या पैन कार्ड उपलब्ध नहीं है, तो पक्षकारों के डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature For Ragistry) बनाए जाएंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि पंजीयन विभाग में भीड़भाड़ कम हो और प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी हो। पहले इस प्रोजेक्ट को पायलट मोड में ट्राय कर लिया गया है। आज पूरे प्रदेश में इसे शुरू कर दिया गया है।
संपदा 2.0
संपत्ति से जुड़े काम होंगे अब और भी आसानमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज पंजीयन विभाग की नवीन तकनीक पर विकसित सॉफ्टवेयर संपदा 2.0 का करेंगे प्रदेश स्तरीय शुभारंभ
देश में पहली बार पूर्णतः पेपरलेस और फेसलेस पंजीकरण की सुविधा@DrMohanYadav51@commercial_mp @mprevenuedeptt… pic.twitter.com/z9GEkjS05k
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संपदा-2.0 से होंगे ये काम
संपदा-2 (Sampada 2.0 Portal) प्रणाली में गूगल से लोकेशन ली जाएगी, जिससे संपत्ति बेचने में फर्जीवाड़ा रुकेगा। इस प्रणाली में, पक्षकार के पास रजिस्ट्री (Online Registry MP) का लेखन मोबाइल या मेल पर पहुंचेगा, जिससे वह रजिस्ट्री को पहले पढ़ सकेगा। संपदा-2 में संपत्ति की आइडी होने से स्टाम्प शुल्क की चोरी रुकेगी, क्योंकि सेटेलाइट इमेज से संपत्ति की वास्तविक स्थिति दिखेगी। इसमें यह जानकारी भी मिलेगी कि मकान कितने मंजिल का है या प्लॉट है, और सड़क पर है या सड़क से हटकर संपत्ति है। संपत्ति के विक्रय में होने वाला फर्जीवाड़ा भी रुकेगा, क्योंकि रजिस्ट्री रिकॉर्ड में रहेगी। और जैसे ही दूसरे व्यक्ति को रजिस्ट्री की जाएगी, तो संबंधित को पता चल जाएगा।
संपदा 2.0 की सुविधाएं
– गवाह नहीं आवश्यक: आधार कार्ड से नाम और फोटो लेने से गवाहों की जरूरत नहीं होगी।
– एक क्लिक पर जानकारी: संपत्ति की रजिस्ट्री की जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी।
– बेनामी संपत्ति पर नियंत्रण: इससे बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी।
– नगर निगम को स्वचालित सूचना: रजिस्ट्री के बाद नगर निगम को मैसेज जाएगा, जिससे नामांतरण आसान होगा।
– शुल्क की गणना: संपत्ति के शुल्क की गणना भी होगी।
– साइबर तहसील-2: शहर में प्लॉट का नामांतरण आसान होगा।