MP Promotion Rules 2025: मध्य प्रदेश सरकार अब जल्द ही सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को एक-दो दिनों में नोटिफाई किया जा सकता है। जैसे ही यह नियम अधिसूचित होंगे, सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) तत्काल विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक बुलाएगा और कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करेगा। जीएडी ने दावा किया है कि वह अगले 10 दिनों के भीतर डीपीसी की पहली बैठक कर लेगा। यह बैठक साल 2025 के रिक्त पदों के लिए होगी। इसके बाद सितंबर 2025 में 2026 के लिए डीपीसी प्रस्तावित है।
क्या है पदोन्नति नियम 2025 का उद्देश्य?
दरअसर, मध्य प्रदेश में सरकारी सेवाओं के लंबे समय से प्रमोशन रुके हुए थे। पिछले 9 सालों में हजारों कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों और आरक्षण विवादों के कारण यह प्रक्रिया बाधित रही थी।
अब सरकार ने नए पदोन्नति नियम बनाए हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों के अनुरूप हैं और इन पर आधारित डीपीसी “सशर्त” (conditional) होगी। यानी अगर भविष्य में कोर्ट का कोई निर्णय आता है, तो प्रमोशन को उसके अनुसार समायोजित किया जाएगा।
जीएडी के अनुसार- ऐसा होता है तो पदोन्नति का इंतजार कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। साथ ही नए नियमों के अधीन प्रमोशन करने वाला जीएडी पहला विभाग बन जाएगा। यह डीपीसी 2025 के पदों के लिए होगी। 2026 के लिए डीपीसी की बैठक सितंबर में आयोजित की जाएगी।
पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी
संजय दुबे, जो कि सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के अपर मुख्य सचिव हैं, उन्होंने कहा है कि:
“हम सबसे पहले अपने ही विभाग की डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक करेंगे, ताकि नए नियमों के तहत प्रमोशन की प्रक्रिया को सही ढंग से शुरू किया जा सके।”
उन्होंने आगे बताया कि: “इसके बाद अन्य सभी विभागों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे यह समझ सकें कि नए नियमों के तहत डीपीसी कैसे करनी है, पदों की संख्या का निर्धारण कैसे किया जाएगा, नियमों की विभिन्न धाराओं (पैरा) की व्याख्या कैसे करनी है और हर नियम का वास्तविक अर्थ क्या है।”
इसका मतलब है कि: जीएडी पहले खुद उदाहरण बनेगा, फिर बाकी विभागों को उसी मॉडल के अनुसार प्रशिक्षित करेगा। नए नियमों की जटिलताओं को समझाने के लिए अधिकारियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर बिंदु की व्याख्या और उपयोग की जानकारी विस्तार से दी जाएगी, जिससे डीपीसी में कोई भ्रम या गलती ना हो।
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नए नियमों में आरक्षण और मेरिट का संतुलन
कैसे होगा आरक्षित वर्ग का फायदा: पदोन्नति नियमों में यह सुनिश्चित किया गया है कि आरक्षित वर्ग (SC/ST) को उनका 16% और 20% आरक्षण मिले। इसके लिए ‘मैरिट कम सीनियोरिटी’ यानी योग्यता के साथ वरिष्ठता को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि कोई SC/ST अधिकारी अनारक्षित श्रेणी में मेरिट के आधार पर प्रमोट हो जाता है, तो उसका प्रमोशन आरक्षित कोटे से ही माना जाएगा।
अनारक्षित वर्ग : नए नियमों के अनुसार, हर पद के लिए दो गुना + 4 की सूची डीपीसी के सामने पेश की जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि 10 पद खाली हैं, तो 24 कर्मचारियों की सूची बनाई जाएगी। फिर कोटे के अनुसार पहले SC, फिर ST और अंत में अनारक्षित वर्ग के पद भरे जाएंगे। पूर्व के नियमों में अजा-अजजा वर्ग के लोगों को प्रमोशन देने के लिए 6-7 बैच तक नीचे की सूची खंगाली जाती थी।
27 ड्राफ्ट, फिर एक फाइनल मॉडल तैयार
इन नियमों को अंतिम रूप देने में सरकार ने लंबा होमवर्क किया। कुल 27 ड्राफ्ट तैयार किए गए, जिन पर लगातार बैठकें होती रहीं। अंततः 4 प्रमुख ड्राफ्ट में से एक को चुनकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की सहमति के बाद कैबिनेट से मंजूरी दिलाई गई। जीएडी का कहना है कि यह नियम हर वर्ग के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है। सबसे पहले GAD अपने विभाग में नए नियमों के अनुसार डीपीसी करेगा और फिर अन्य विभागों को इस नियम के क्रियान्वयन की ट्रेनिंग देगा।
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