हाइलाइट्स
- शांतिपूर्ण तरीके से मंत्रालय में पहला प्रदर्शन
- 29 जून को तीन संगठनों का प्रांतीय सम्मेलन
- सरकार नहीं मानी तो और उग्र होगा आंदोलन
MP Promotion New Rules Controversy 2025: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में प्रमोशन के नए नियम 2025 (promotion New rules) के खिलाफ तीन वर्ग एकजुट हो गए हैं। 26 जून, गुरुवार को भोपाल में मंत्रालय के गेट नंबर 1 पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
इसमें सामान्य वर्ग (General category), पिछड़ा वर्ग (backward class) और अल्पसंख्यक वर्ग (minority category) के संगठन (Organization) शामिल हुए। प्रदर्शन में मंत्रालय कर्मचारी सेवा संघ (Ministry Employees Service Association) समेत सपाक्स (SAPAKS), लिपिक संघ (Clerks Association), राजपत्रित अधिकारी संघ (Gazetted Officers Association) का भी समर्थन रहा।

नए एकतरफा नियम से खत्म हो चुके अवसर
मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ अध्यक्ष इंजी सुधीर नायक ने कहा- नए एकतरफा नियम से सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारियों के उच्च पदों पर जाने (Promotion) के सारे अवसर खत्म हो चुके हैं। हम चाहते हैं कि कुछ पद तो अनारक्षित वर्ग के लिए छोड़े जाएं।
प्रमोशन से वंचित रह जाएगा अनारक्षित वर्ग
कर्मचारियों ने कहा कि सरकार आरक्षित वर्ग के अधिकारी और कर्मचारियों को तय कोटे के अनुसार प्रमोशन दिया जाएं, यदि आरक्षित वर्ग को भी अनारक्षित वर्ग में प्रमोशन दिया जाता है तो अनारक्षित वर्ग का कर्मचारी अपने पूरे सेवाकाल में मिलने वाले एक हक से भी वंचित रह जाएगा।

आरक्षित वर्ग दोनों प्रतीक्षा सूची में रहेगा
विरोध कर रहे तीन वर्ग के कर्मचारियों ने कहा कि आरक्षित वर्ग के लोग अपना कोटा तो लेंगे ही अनारक्षित पदों पर भी आ जाएंगे। दूसरी ओर अनारक्षित वर्ग में कर्मचारियों के प्रमोशन के अवसर कम हो जाएंगे। क्योंकि आरक्षित वर्ग का व्यक्ति दोनों प्रतीक्षा सूचियों में रहेगा।
अवर सचिव के 58 पदों पर आरक्षित वर्ग
कर्मचारी संघ अध्यक्ष नायक ने बताया कि मंत्रालय में यह स्थिति बन गई है कि अवर सचिव के 65 पदों में से 58 पर आरक्षित वर्ग के लोग काबिज हो चुके हैं। हम चाहते हैं कि आबादी के अनुपात में भर्ती में आरक्षण मिले, पदोन्नति में भी आरक्षण मिले।
यह खबर भी पढ़ें: MP Weekly Train 2025: ग्वालियर से बैंगलुरू तक चलेगी नई Weekly स्पेशल ट्रेन, इन स्टेशनों से गुजरेगी, जानें पूरा शेड्यूल
आरक्षित वर्ग के शून्य प्रतिनिधित्व की चिंता
विरोध 36% आरक्षण का नहीं है, बल्कि चिंता 64% में अनारक्षित वर्ग के शून्य प्रतिनिधित्व की है। आरक्षित वर्ग से अपील की गई कि वह स्वयं अनारक्षित पदों पर जाने से इंकार करें। आरक्षित वर्ग को अनारक्षित पदों पर जाने का प्रावधान किसी साजिश का हिस्सा ताकि आरक्षित अनारक्षित आपस में झगड़ते रहें।
आरक्षित वर्ग के साथ मिलकर करना हैं काम
संगठन आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। पदोन्नति में आरक्षण के भी खिलाफ नहीं है। आरक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी भी उनके भाई हैं। सबको साथ मिलकर काम करना है। आरक्षित वर्ग अपने 36% कोटे के भीतर आगे बढ़े और अनारक्षित वर्ग अपने 64% कोटे के भीतर आगे बढ़ें।
इस विवाद की दो वजह
- साल 2025 के नए नियम में एमपी सरकार ने प्रावधान किया कि आरक्षित वर्ग के कर्मचारी अनारक्षित वर्ग के पदों का भी लाभ ले सकेंगे।
- साल 2016 से 2025 में रोक के बीच जो पात्र रहे, वह पदोन्नति का लाभ नहीं ले पाएंगे। जिसे सामान्य प्रशासन व हाईकोर्ट ने भी अवैधानिक माना।
ऐसी ही ताजा खबरों के लिए बंसल न्यूज से जुड़े रहें और हमें X, Facebook, WhatsApp, Instagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
भोपाल में बेरोजगारों के लिए सुनहरा मौका, 12वीं पास से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की होगी सीधी भर्ती
Madhya pradesh Bhopal Rojgar Mela 2025 Details: यदि आप एक अच्छी नौकरी की तलाश में है तो मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में युवाओं के लिए नौकरी का एक सुनहरा अवसर हैं। इसमें 12वीं पास से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट (12th pass to post graduate) तक के युवाओं की सीधी भर्ती (direct recruitment) होगी। पूरी खबर पढ़ने क्लिक करें…