हाइलाइट्स
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वर्ग 3 शिक्षक भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से आया बड़ा अपडेट
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सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति अयोग्य घोषित की
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राज्य सरकार ने नियमों के खिलाफ बीएड डिग्रीधारियों को दी थी नियुक्ति
MP Teacher Bharti Update: एमपी में प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर बड़ा अपडेट आया है. दरअसल 2020 में कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक यानी वर्ग 3 के लिए 22 हजार पदों के लिए नोटिफिकेशन निकाला गया था.
इसी भर्ती में नियुक्ति को लेकर एक बड़ी गड़बड़ी हुई थी. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. अब इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ बड़ा अपडेट सामने आया है.
क्या है पूरा मामला
2020 में वर्ग-3 की भर्ती के लिए 22 हजार पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था. जिसके लिए पहली काउंसलिंग 3 साल बाद यानी मार्च 2023 में हुई थी. इसके बाद दूसरी काउंसलिंग अगस्त 2023 में हुई थी. इस भर्ती में शासन ने बड़ी गलती कर दी थी.
शिक्षक भर्ती पर विवाद: वर्ग-3 की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, जानें डीएड-बीएड उम्मीदवारों पर क्या पड़ा असरhttps://t.co/7h81sqsqvM@DrMohanYadav51 @udaypratapmp @NEYU4INDIA #teacher #MadhyaPradesh #MPNews #BREAKING pic.twitter.com/wmaboJ0Ziz
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काउंसलिंग के बाद उस समय 11 हजार 583 बी.एड. किए हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी. वहीं 10417 ऐसे उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई जिन्होंने डीएड किया था. पेंच इसलिए फंसा क्योंकि वर्ग तीन में बीएड वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति का प्रावधान नहीं है. जिसके खिलाफ अन्य अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए.
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
MP Teacher Bharti विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को विस्तृत फैसला पारित किया था. इस आदेश के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन दाखिल की.
जिसकी सुनवाई 8 अप्रैल 2024 को विशेष बेंच ने की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले अपने आदेश में स्पष्ट किया कि 11 अगस्त 2023 के बाद बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों की नियुक्तियां अवैध हैं.
डीएड छात्रों ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
डीएड छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मप्र सरकार के भर्ति नियमों को चुनौती दी थी. जिसपर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है. हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा था.
डीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों के वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के नियमों के अनुसार प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति देना अवैधानिक है.
इसके बाद भी राज्य सरकार ने अप्रैल 2023 से लेकर दिसंबर 2023 तक हजारों बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति दी हैं.
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हाईकोर्ट में यहां अटका मामला
MP Teacher Bharti विवाद में डीएड छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि याचिका में सरकार के नियम, व्यापमं के विज्ञापन और नियुक्तिपत्रों को चुनौती दी गई है.
हाईकोर्ट ने सरकार से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए वे बाध्य हैं. जिसपर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी. इसी पिटीशन पर 8 को फैसला आ गया.
अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है. इसलिए बुधवार को एमपी हाईकोर्ट की जस्टिस शील नागू व जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की बेंच ने अगली सुनवाई 15 अप्रैल को निर्धारित कर फैसला सुरक्षित रखा है.
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