MP News: इधर आना जरा.. सुनो.. ऐसी जगह फिकवाऊंगा कि रायसेन जिले में बीजेपी के मंच पर ये बातें पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा ने टीआई महेंद्र ठाकुर से कही थी। जिस समय मंत्री साहब मंच से टीआई को बुरी तरह से धमका रहे थे उस समय मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से भाषण दे रहे थे।
ये धमकी और चेतावनी देते हुए सुरेंद्र पटवा इतने तैश में आ गए थे कि मंच से उतर कर टीआई की तरफ गुस्से में जाने भी लगे। तब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उन्हें रोकना तक पड़ गया था।
मगर शिवराज सिंह चौहान की बात को नदरअंदाज करते हुए वह टीआई की तरफ तैश से बढ़ने लगे, जबकि दूसरी तरफ पूर्व सीएम ने अपना भाषण फिर शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी वायरल हुई थी।
विधायक सुरेंद्र पटवा की इस धमकी को आचार सहिंता का उल्लंघन भी बताया गया, जिसके बाद ये पूरा मामले चुनाव आयोग तक पहुंच गया। आयोग ने रायसेन कलेक्टर से 5 दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट मांगी थी।
मगर पांच दिन बाद कलेक्टर की तरफ से आयोग को जो रिपोर्ट भेजी गई, उसे देखने के बाद हर कोई हैरान परेशान था। चलिए आपको बताते हैं कि आखिरी रिपोर्ट में ऐसा क्या हुआ, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे।
ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था- कलेक्टर रिपोर्ट
पांच दिन बाद जब कलेक्टर की तरफ से चुनाव आयोग को इस मामले की रिपोर्ट भेजी गई, तो उसमें लिखा था कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था।
यहां तक की जिस टीआई को पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा ने भरे मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री के सामने ये कहा गया था कि इधर आना जरा.. सुनो.. ऐसी जगह फिकवाऊंगा, उस टीआई ने भी बयान देकर कहा कि मेरी उनसे ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई थी।
MP News: TI को धमकाने वाले सुरेंद्र पटवा को प्रशासन की क्लीन चिट, वीडियो लाखों ने देखा लेकिन अफसरों को कुछ नहीं दिखा!#MPNews #MPPolice #SurendraPatwa #MPBJP #MPPolitics
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 9, 2024
यानी रायसेन प्रशासन के मुताबिक जो वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रहा है, जिसको कई लोग देख चुके हैं। उनके मुकाबिक ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 2 मई की रात रायसेन के मंडीदीप में देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से भाषण दे रहे थे। तब टीआई ने आचार सहिंता के मुताबिक समय पर खत्म होने का हवाला देते हुए माइक बंद कर दिया था।
टीआई की ये हरकत सुरेंद्र पटवा को बिल्कुल पसंद नहीं आई और पूर्व सीएम के सामने ही टीआई पर भड़क गए। सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले की आयोग को जो रिपोर्ट भेजी गई, उसमें यह भी कहा गया कि प्रॉपर मंजूरी के साथ सभा हुई।
रिपोर्ट में लिखा था कि रात दस बजे को लेकर कन्फ्यूजन हो गया था, इसी वजह से माइक बंद किया गया था, ये भी जानकारी नहीं है कि सुरेंद्र पटवा मंच से किससे बात कर रहे हैं। इधर आयोग के अधिकारियों ने इस पूरी रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
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