भोपाल। MP Politics Astrology पूरे देश में राजनीति सरगर्मियां तेज हो चली हैं। jyotish कमलनाथ और सीएम शिवराज भेंट कर रहे हैं। mp news उधर कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के साथ लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश में लगी है। ऐसे में चलिए हम भी जानने की कोशिश करते हैं कि ज्योतिष की नजर में एमपी की राजनीति में कौन सी उठापटक होने वाली हैं। तो चलिए देखते हैं कि पंडित अनिल पांडे (8959594400)का गणित इसे लेकर क्या कह रहा है।
ये ग्रह बता रहे हैं एमपी की स्थिति कितनी है मजबूत —
पहली प्रश्न कुंडली में इस बात का विचार किया गया कि मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर कब तक होगा। यह प्रश्न कुंडली सिंह लग्न की बनी है। तीसरे भाव में केतु है। सप्तम भाव में चंद्रमा और शनि है। आठवें भाव में मंगल गुरु और शुक्र है। नवम भाव में राहु है तथा दशम भाव में बुध और सूर्य। षड्बल साधना के अनुसार इस कुंडली का सबसे वलिष्ठ ग्रह सूर्य है। तदोपरांत शनि, शुक्र, मंगल, बुध और चंद्र हैं।
इन ग्रहों का क्या होगा प्रभाव —
इस प्रश्न में ग्रहों की और उनके कुंडली में प्रभाव की बात करें तो राजनीतिक उठापटक के लिए मुख्य रूप से छठे भाव, नवम भाव ,दशम भाव एवं लग्न का अध्ययन करना चाहिए। इस कुंडली के सप्तम भाव में चंद्रमा और शनि है।
शनि अपनी स्वराशि में है और लग्न को शत्रु दृष्टि से देख रहा है। जो यह बताता है कि जो कुछ भी होगा, एकाएक होगा। यानि जिसकी कोई हवा नहीं रहेगी। जिसके कारण मध्य प्रदेश की राजनीति में एक भूचाल आ जाएगा।
चंद्रमा अपनी सम राशि में बैठकर मित्र की दृष्टि से लग्न को देख रहा है जो एक मजबूत स्थिति बना सकता है।
छठे भाव में कोई ग्रह नहीं है और न ही इस पर किसी की दृष्टि है। छठे भाव में मकर राशि है। जिसका स्वामी शनि स्वराशि कुंभ में बैठा हुआ है। इस प्रकार से शनि मजबूत है। शनि छठे भाव के लिए एक अच्छा ग्रह माना जाता है। परंतु यह दुश्मनों को केवल शांत करता है, समाप्त नहीं करता है।
नवम भाव में राहु है। मानसागरी के भाव फल निरूपण अध्याय के राहु खंड के अनुसार राहु नवम भाव में अत्यंत बुरा फल देता है। भाग्य को अत्यंत कमजोर करता है। इस भाव का भाव स्वामी मंगल भी अष्टम में बैठा हुआ है तथा इस भाव पर शनि की दृष्टि भी है। यह भी भाग्य के मामले में खराब है।
दशम भाव में शत्रु राशिगत सूर्य और वक्री बुध हैं। दोनों ही खराब फल देंगे। इस प्रकार यह कुंडली स्पष्ट रूप से मध्य प्रदेश की राजनीति में एकाएक होने वाले तूफान का संकेत करती है।
इस दिन आ सकता है एपमी की राजनीति में भूचाल —
किसी भी कुंडली में कब क्या होगा। यह देखने का सबसे उचित साधन विंशोत्तरी दशा है। तो चलिए सबसे पहले हम जानते हैं विंशोत्तरी दशा की चर्चा करते हैं। कमलनाथ 17 दिसंबर 18 से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। यह समय उनके लिए बहुत अच्छा था। परंतु भाजपा के लिए उतना ही खराब था। वर्तमान प्रश्न कुंडली के अनुसार उस समय मंगल की महादशा में राहु की अंतर्दशा में राहु का प्रत्यंतर 10 नवंबर 2018 से प्रारंभ हुआ था। आपको बता दें साल 2018 की 28 नवंबर को वोटिंग संपन्न हुई थी। 12 दिसंबर 2018 को रिजल्ट निकले थे। इसकी वजह से बीजेपी स्थिति कमजोर हुई थी। इसी प्रकार बीजेपी को पुनः सत्ता 23 मार्च 2020 को प्राप्त हुई थी और उस समय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री बने थे। विंशोत्तरी दशा के अनुसार उस समय मंगल की महादशा में गुरु के अंतर में बुद्ध का प्रत्यंतर चल रहा था। अगर हम इसे और सूक्ष्म करें तो पाते हैं कि उस समय मंगल की महादशा में गुरु की अंतर्दशा में बुद्ध के प्रत्यंतर में शुक्र की सूक्ष्म दशा समाप्त हो रही थी और सूर्य की सूक्ष्म दशा प्रारंभ हो रही थी। सूर्य इस कुंडली का लग्नेश है और सबसे मजबूत ग्रह है। इसी के कारण बीजेपी सत्ता में आई थी।
वर्तमान परिदृश्य –
अब हम वर्तमान परिदृश्य पर नजर डालते हैं। वर्तमान में मंगल की महादशा में बुध की अंतर्दशा 13 दिसंबर 2021 से प्रारंभ है। बुध इस कुंडली में एकादश एवं द्वितीय भाव का स्वामी है अतः समय बीजेपी के लिए अच्छा है। मंगल की महादशा में केतु की अंतर्दशा 10 दिसंबर 2022 से प्रारंभ हो रही है और यह समय थोड़ा कठिन होगा। अगर हम तूफान की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि मंगल की महादशा में केतु के अंतर में राहु का प्रत्यंतर 10 फरवरी 2023 से प्रारंभ हो रहा है। उसके उपरांत शनि का प्रत्यंतर 25 मार्च 2023 से प्रारंभ हो रहा है जो कि 17 अप्रैल 2023 तक रहेगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मध्यप्रदेश की राजनीति में 10 फरवरी 2023 से 17 अप्रैल 2023 तक का समय अत्यंत नाजुक है। इस बात की पूरी संभावना है की बहुत सारी चीजें इस समय बदल जाएं।