MP Police News: अब मध्यप्रदेश के थानों के थाना प्रभारियों के काम का मूल्यांकन कॉर्पोरेट कंपनियों की तर्ज पर किया जाएगा। इसके लिए ‘की रिजल्ट एरिया’ (KRA) तय किया गया है, जिसमें 450 अंक निर्धारित किए गए हैं।
इनमें से 400 अंक 10 अलग-अलग मापदंडों पर आधारित होंगे, जबकि शेष 50 अंक वीआईपी ड्यूटी में बेहतर प्रदर्शन करने पर दिए जाएंगे। इस नई प्रणाली का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।
छोटे थानों के प्रभारियों को मिलेगी राहत
इस नई व्यवस्था में छोटे थानों (बी-ग्रेड) के प्रभारियों को कुछ राहत दी गई है। उन्हें बड़े थानों (ए-ग्रेड) के प्रभारियों की तुलना में कम काम करके भी अधिक अंक मिल सकते हैं। इसका मतलब है कि ए-ग्रेड थानों के प्रभारियों पर अधिक जिम्मेदारी होगी और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन भी अधिक सख्ती से किया जाएगा।
खराब प्रदर्शन पर छिनेगी थाने की कमान
इस नई रेटिंग सिस्टम के तहत, जो थाना प्रभारी तय मापदंडों पर खरे नहीं उतरेंगे, उनकी रैंकिंग कम होगी। ऐसे प्रभारियों से भविष्य में थाने की कमान भी छीन ली जा सकती है। यह सिस्टम प्रदेश में पहली बार लागू की गई है और इसका उद्देश्य पुलिस के वर्किंग सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है।
डैशबोर्ड और पोर्टल से होगी मॉनिटरिंग
इस नई व्यवस्था के लिए एक डैशबोर्ड तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से थाना प्रभारियों के प्रदर्शन को ट्रैक किया जाएगा। डीसीपी क्राइम अखिल पटेल के अनुसार, इस पोर्टल के जरिए भोपाल पुलिस की वर्किंग सिस्टम को और अधिक सुधारने में मदद मिलेगी। पोर्टल पर डेटा अपडेट होगा, जिससे मॉनिटरिंग और आवश्यक सुधार की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
नई व्यवस्था के फायदे
- पारदर्शिता और जवाबदेही: पोर्टल आधारित डेटा से जिले के अधिकारी कभी भी और कहीं से भी थाना प्रभारियों के प्रदर्शन को ट्रैक कर सकेंगे।
- कार्यप्रणाली में सुधार: किसी भी थाने की कमजोरियों का पता चल सकेगा और उन्हें सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकेंगे।
- समय की बचत: अब हर महीने थाना प्रभारियों से कार्रवाई की जानकारी मांगने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि सभी डेटा पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
- प्रदर्शन आधारित पुरस्कार या सजा: थाना प्रभारियों का प्रदर्शन उनके पुरस्कार या सजा का आधार होगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा।
मापदंड और उनका वेटेज
क्र. | मापदंड | अंक | वेटेज |
1 | संपत्ति संबंधी अपराध | 60 | 15% |
2 | माइनर एक्ट | 40 | 10% |
3 | प्रतिबंधात्मक कार्रवाई | 50 | 12.5% |
4 | क्रिमिनल ट्रैकिंग | 50 | 12.5% |
5 | अपराधों का निराकरण | 40 | 10% |
6 | शिकायत/सीएम हेल्पलाइन | 40 | 10% |
7 | लंबित चालान/मर्ग निकाल | 20 | 5% |
8 | समंस/वारंट तामीली | 20 | 5% |
9 | साइबर अपराधों की कार्रवाई | 40 | 10% |
10 | सीसीटीएनएस व पोर्टल्स की कार्रवाई | 40 | 10% |
संपत्ति संबंधी अपराधों के लिए सबसे अधिक 60 अंक निर्धारित किए गए हैं। कुल 10 मापदंडों को मिलाकर 400 अंकों में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक मापदंड को एक, दो या तीन कैटेगरी में बांटा गया है। थाना प्रभारी इन कैटेगरीमें बेहतर प्रदर्शन करने पर संबंधित डीसीपी से अंक प्राप्त करेंगे। इनमें से सबसे अधिक 60 अंक संपत्ति संबंधी अपराधों की तीनों श्रेणियों पर अच्छा काम करने पर मिलेंगे। इसके अलावा, चोरों को पकड़ने पर 20 अंक दिए जाएंगे।
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