MP Police Fake APK Scam: साइबर ठगों ने मध्य प्रदेश पुलिस की फर्जी एंड्रॉयड एप्लिकेशन पैकेज यानि कि APK तैयार की है। जालसाज इसे बनाकर बकायदा वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर कर रहे हैं। साथ ही इस डाउनलोड करने की अपील भी कर रहे हैं।
वहीं साइबर पुलिस ने ठगी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी ये बात साफ की है कि ये APK मध्य प्रदेश के पुलिस का नहीं है। साथ ही इस फर्जी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने की अपील की है।
साइबर ठगों ने बनाया MP पुलिस का फर्जी APK: पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, कहीं आप न हो जाएं शिकार, बचने के लिए ये करें#MPPolice #MPNews #CyberThug https://t.co/DGC5kWqWWx
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 22, 2024
ऐसे होता है APK फाइल फ्रॉड
आपको बता दें कि APK फाइल एंड्रॉइड इकोसिस्टम यूजर्स को प्ले स्टोर पर थर्ड पार्टी मोबाइल एप्लिकेशन और कंट्रोल करने की भी अनुमति देता है। ये हैकर्स के लिए APK इंस्टॉल करके यूजर्स के एंड्रॉइड डिवाइस को गलत तरीके से यूज के करने में सक्षम बना देता है।
साइबर जालसाज सबसे पहले लोगों के पास सोशल मीडिया के जरिए भेजते हैं और गलत तरीके से उसे इंस्टॉल करवाने के लिए कहते हैं।
जब व्यक्ति APK पर क्लिक करके उसे इंस्टॉल करता है, तो उसे ऐप्स इंस्टॉल करने के खतरों को उजागर करने वाले कई अलर्ट मैसेज भी मिलते हैं।
इसके बाद ऐप बहुत सारे परमिशन जैसे कैमरा, माइक्रोफोन, लोकेशन, कॉन्टैक्ट, SMS के एक्सेस की मांग करता है। इंस्टॉलेशन होने के बाद व्यक्ति के मोबाइल की सारी जानकारी हैकर को अपने हैकिंग डिवाइस पर मिल जाती है।
ऐसे करें APK फ्रॉड की पहचान
हैकर द्वारा बनाई गई APK फाइल वैलिड नहीं होने के कारण इसका साइज कुछ KB में ही होता है। जैसे ही आप इसे इंस्टॉल करेंगे तो ये कैमरा, माइक्रोफोन, GPS, संपर्क और SMS जैसी कई प्रकार के परमिशन की मांग करता है।
बता दें कि ये आपके लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। जैसे ही आप इसे परमिशन देंगे तो ये आपको हैकर द्वारा बनाई गए प्लेटफॉर्म पर अटैच कर देगा और आपकी सारी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाएगी। इसके बाद हैकर आपकी पर्सनल डिटेल्स के बारे में आसानी से जान सकता है और अकाउंट से पैसे भी निकाल सकता है।
बचाव के लिए ये करें
– अगर आपके पास मध्य प्रदेश पुलिस के नाम से किसी भी फर्जी ऐप (MP Police Fake APK Scam) को डाउनलोड करने को कहा जाए, तो बिल्कुल भी न करें।
– सिर्फ और सिर्प आधिकारिक स्त्रोंतों के ऐप ही डाउनलोड करें।
– दो-स्तरीय प्रमाणीकरण एक्टिव करें।
– किसी भी प्रकार के संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
– अपनी व्यक्तिगत जानकारी बिल्कुल भी साझा न करें।
– अपने मोबाइल में मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें।
– इसके बाद भी अगर ठगी का शिकार हो जाएं, तो तत्काल शिकायत करें।
यहां करें शिकायत
अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साइबर फ्रॉड होता है तो नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और भोपाल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 9479990636 पर तत्काल शिकायत दर्ज करें।
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