हाइलाइट्स
- एमपी में डायल 100 होगी बंद, अब डायल 112 संभालेगी कमान।
- 1200 नई GPS और वायरलेस युक्त गाड़ियां होंगी तैनात।
- अब इमरजेंसी में मिलेगी GPS से ट्रैकिंग वाली पुलिस मदद
MP Police Dial 112: मध्यप्रदेश की जनता को अब इमरजेंसी में और तेज पुलिस सहायता मिलेगी। राज्य में 15 अगस्त 2025 से डायल 112 (Dial 112) सेवा की शुरुआत की जा रही है, जो डायल 100 (Dial 100) सेवा की जगह लेगी। इस नई प्रणाली में अत्याधुनिक तकनीक के साथ 1200 नई फर्स्ट रिस्पॉन्स गाड़ियां तैनात की जाएंगी, जो लाइव लोकेशन ट्रैकिंग और जीपीएस से लैस होंगी। इससे न सिर्फ रिस्पॉन्स टाइम कम होगा, बल्कि मदद भी ज्यादा सटीक और तेज होगी। यह मॉडल पहले से ही कई राज्यों में सफलतापूर्वक लागू है, और अब इसे मध्यप्रदेश में भी शुरू किया जा रहा है।
15 अगस्त से दौड़ेगी हाईटेक डायल 112 सेवा
मध्यप्रदेश में 15 अगस्त 2025 से डायल 100 की जगह हाईटेक डायल 112 सेवा शुरू की जाएगी। इसमें 1200 नई बोलेरो नियो गाड़ियां तैनात की जाएंगी, जो GPS और वायरलेस तकनीक से लैस होंगी। इस सेवा से इमरजेंसी कॉल पर पुलिस या एम्बुलेंस की त्वरित और सटीक सहायता संभव होगी। डायल 112 मॉडल पहले से ही कई राज्यों में सफलतापूर्वक लागू है, और अब इसे मध्यप्रदेश में भी शुरू किया जा रहा है।
एमपी में नया पुलिस रिस्पॉन्स सिस्टम
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ( DGP Kailash Makwana) ने जानकारी दी है कि 14 अगस्त 2025 से डायल 100 की टाटा सफारी गाड़ियां सेवा से बाहर हो जाएंगी। 15 अगस्त से नई डायल 112 सेवा पूरी तरह लागू होगी। इस सेवा को अब जीवीके (GVK) कंपनी संचालित करेगी, जिसे पहले से एम्बुलेंस सेवा का अनुभव है। इस सेवा में 1200 नई नई बोलेरो नियो गाड़ियां शामिल होंगी, अब डायल 112 सेवा से पुलिस सहायता फास्ट और सटीक होगी। गाड़ियों में GPS, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं होंगी।
डायल 112 में क्या होगी खास बात?
- 1200 नई बोलेरो नियो गाड़ियां फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल के रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी।
- सभी गाड़ियां GPS, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग से लैस होंगी।
- किसी भी इमरजेंसी कॉल पर ये वाहन तेजी से घटनास्थल पर पहुंचेंगे।
- जीवीके कंपनी करेगी डायल-112 सेवा का संचालन।
- डायल 112 के लिए नया केंद्रीय कॉल सेंटर बनाया जा रहा है।
नई सेवा के फायदे
डायल 112 सेवा के माध्यम से नागरिकों को त्वरित पुलिस, एम्बुलेंस या फायर सहायता मिल सकेगी। कॉल करते ही लोकेशन ट्रैक हो जाएगी और संबंधित यूनिट को तुरंत अलर्ट किया जाएगा। डायल 100 सेवा वर्ष 2015 में शुरू की गई थी, जिसकी निर्धारित अवधि पांच साल थी। लेकिन तकनीकी बाधाएं, कोविड संकट और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की वजह से यह सेवा 10 साल तक चलती रही।
अब MP में भी मिलेगा तेज और सटीक रिस्पॉन्स
डायल 112 सेवा का मॉडल पहले ही हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में सफलतापूर्वक लागू हो चुका है। अब मध्यप्रदेश इस आधुनिक व्यवस्था को अपनाने जा रहा है। राज्य पुलिस का कहना है कि नई प्रणाली से इमरजेंसी पर कार्रवाई का समय पहले से काफी कम हो जाएगा और शिकायतकर्ता को उसकी सटीक लोकेशन पर तेज़ व प्रभावी सहायता मिल सकेगी। इस सेवा के संचालन के लिए नया कॉल सेंटर तैयार किया जा रहा है, जो सेंट्रल सर्वर से जुड़ा होगा और सभी जिलों में इमरजेंसी सेवाओं का समान और नियंत्रित संचालन सुनिश्चित करेगा।