MP Police Constable Recruitment Scam: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस आरक्षक भर्ती- 2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितताओं के मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक डाटा और आधार कार्ड हिस्ट्री की बारीकी से जांच की जाएगी।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) June 7, 2025
योग्य आवेदकों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार, 7 जून की शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर पोस्ट कर स्पष्ट किया है कि पुलिस आरक्षक भर्ती- 2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितताओं की सूचना मिलने पर मेरे द्वारा सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिसमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है मध्य प्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस आरक्षक भर्ती -2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितता की सूचना मिलने पर मेरे द्वारा सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 7, 2025
भर्ती हुए सभी अभ्यर्थियों की जांच होगी
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि इस मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथमदृष्टया गड़बड़ी पाए जाने पर आरोपी अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।
6423 कैंडिडेट्स हुए थे सिलेक्ट
प्रक्रिया के दूसरे चरण में लिखित परीक्षा में सफल कैंडिडेट्स 55,220 की शारीरिक दक्षता परीक्षा चयन शाखा, मध्यप्रदेश पुलिस ने 16 अक्टूबर से 20 नवम्बर के बीच आयोजित की थी। पूरी प्रक्रिया के बाद कुल 6423 कैंडिडेट्स का चयन किया गया था। इसमें 5090 पुरुष और 1333 महिला शामिल हैं।
सभी सिलेक्ट कैंडिडेट्स की होगी बायोमेट्रिक और आधार हिस्ट्री जांच
द्वितीय चरण के फिजिकल टेस्ट के दौरान नवंबर 2024 में परीक्षा केन्द्र मुरैना में 05 अभ्यर्थियों ने अपने जगह किसी दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में शामिल होने के लिए भेजा था। जिन्हें संदिग्ध पाते हुए परीक्षा में शामिल न कर उन पर FIR की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने अंतिम परिणाम जारी होने के बाद सभी सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन और नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उनकी आवंटित इकाइयों से बायोमेट्रिक और आधार हिस्ट्री की जांच दोबारा कराए जाने के लिए 21 अप्रैल को निर्देश जारी किए।
21 मामले 22 कैंडिडेट्स के खिलाफ FIR
परीक्षा के दौरान कैंडिडेट्स के दिए गए फिंगर प्रिंट, हस्तलिपि के नमूने को प्राप्त कर उनकी जांच कराई गई। कैंडिडेट्स की वास्तविक लोकेशन के संबंध में तकनीकी रूप से भी जांच कराई गई, जिसमें भिन्नता पाए जाने पर प्रदेश के कई जिलों में केस दर्ज किए गए। अभी तक कुल 21 मामले 22 कैंडिडेट्स के खिलाफ दर्ज किए जा चुके हैं।
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मुरैना, शिवपुरी, इंदौर समेत कई जगह FIR
इसमें मुरैना में 07, शिवपुरी-06, श्योपुर-02 और इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़ और शहडोल में 1-1 मामले दर्ज किए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ आधार कार्ड वेंडरों ने ज्यादा लाभ लेने के उद्देश्य से कैंडिडेट्स के आधार कार्ड को बिना पूरी तरह जांच किए संसोधन के लिए अपने सिस्टम में अपलोड किया था।
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