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MP Police Bharti Scam: भर्ती परीक्षा में सॉल्वर बिठाने के लिए ऐसे किया फर्जीवाड़ा, सिस्टम में चूक के लिए कौन जिम्मेदार?

MP Police Constable Exam Scam Case Update: मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में सामने आए फर्जीवाड़े ने पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। तकनीकी गड़बड़ियों, आधार प्रणाली में हेरफेर और सॉल्वर गैंग की मिलीभगत से यह परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई है। अब तक प्रदेश के 8 जिलों में 21 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

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Bansal news
MP Police Bharti Scam: भर्ती परीक्षा में सॉल्वर बिठाने के लिए ऐसे किया फर्जीवाड़ा, सिस्टम में चूक के लिए कौन जिम्मेदार?

हाइलाइट्स

  • मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में फर्जीवाड़ा।
  • मामले में अब तक 8 जिलों में कुल 21 एफआईआर दर्ज।
  • सीएम मोहन यादव ने दिए है सख्त कार्रवाई के निर्देश।
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MP Police Constable Exam Scam Case Update: मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मामले में लगातार जांच जारी है। अब तक प्रदेश के 8 जिलों में 21 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इस परीक्षा में फर्जी तरीके से शामिल होने वाले 22 अभ्यार्थियों पर कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

7 जून को सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया 'X' पर पोस्ट किया-

पुलिस आरक्षक भर्ती -2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितता की सूचना मिलने पर मेरे द्वारा सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्ट्या इम्परसोनेशन पाए जाने पर अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।

सीएम मोहन की पोस्ट के बाद ये साफ हो गया कि इस फर्जीवाड़े को लेकर मध्य प्रदेश सरकार गंभीर है। सीएम ने मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए है। इधर, मामले में पुलिस प्रशासन एक्शन में है। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह ने बताया कि साल 2023 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक जीडी और रेडियो में रिक्त पद भरने के लिए ऑनलाइन लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसे कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित किया गया था। साथ ही उन्होंने मामले में ईएसबी कर्मचारियों की मिलीभगत नहीं होने से इनकार किया है। चलिए जानते हैं इस भर्ती में कैसे किया गया फर्जीवाड़ा

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https://twitter.com/BansalNews_/status/1931353336433033474

सवाल- कैसे हुआ भर्ती में फर्जीवाड़ा

जवाब: पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कुछ अभ्यर्थियों ने परीक्षा से ठीक पहले आधार अपडेशन में खेला किया और अपने आधार कार्ड में फोटो, फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन जैसे बायोमेट्रिक डिटेल्स बदलवाए। परीक्षा में उनके स्थान पर सॉल्वर यानी मुन्नाभाई ने भाग लिया। परीक्षा पास होने के बाद उन्होंने फिर से आधार में अपनी असली पहचान अपडेट करवा ली, जिससे वे फिजिकल टेस्ट में खुद शामिल होकर चयनित हो गए। तकनीकी खामियों और आधार कार्ड में बायोमेट्रिक हेराफेरी के जरिए फर्जी अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया।

पुलिस को गड़बड़ी का पता कब चला?

पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए आधार कार्ड का वेरिफिकेशन कराया तो बड़ी गड़बड़ियां सामने आईं। अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच में कुछ जिले में संदिग्ध रूप से भिन्नता पाए जाने पर बारीकी से जांच कराई गई। जिसमें यह पाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा के पूर्व अपना आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया था। लिखित परीक्षा के ठीक बाद उनके द्वारा पुनः आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया।

  • ऐसे अभ्यर्थियों पर संदेह के आधार पर इनकी जांच कराई गई। जिसमें इनके हस्ताक्षर नूमना, हस्तलिपि, फिंगर प्रिंट लिए गए। साथ ही परीक्षा के दौरान इनके द्वारा दिए गए फिंगर प्रिंट, हस्तलिपि के नमूने को प्राप्त कर उनकी जांच कराई गई। अभ्यर्थियों की वास्तविक लोकेशन के संबंध में तकनीकी रूप से भी जांच कराई गई।
  • पुलिस को नवंबर 2024 में फिजिकल टेस्ट के दौरान मुरैना में 5 अभ्यर्थियों के स्थान पर अन्य व्यक्तियों के आने पर शक हुआ।
  • दस्तावेज, हस्ताक्षर, फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक तुलना के जरिए 22 फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान हुई। आधार कार्ड में फोटो, फिंगरप्रिंट और रेटिना बदलकर, फिर परीक्षा के बाद पुनः असली पहचान अपलोड की गई।
  • आधार हिस्ट्री की गहराई से जांच की गई, जिसमें बायोमेट्रिक अपडेट का रिकॉर्ड पाया गया। फिजिकल टेस्ट में अपने स्थान पर दूसरों को भेजा गया।
  • मामले में अभी तक अलग-अलग जिलों में 21 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, 22 अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जिसमें मुरैना में 7, शिवपुरी में 6, श्योपुर में 2 और इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़, शहडोल में 1-1 केस दर्ज किए गए हैं।
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क्या ईएसबी कर्मचारी दोषी हैं?

पुलिस मुख्यालय में शनिवार आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आईजी अंशुमान सिंह और डीआईजी बीरेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि अब तक की जांच में ईएसबी (कर्मचारी चयन मंडल) के किसी कर्मचारी की संलिप्तता सामने नहीं आई है। जांच अभी जारी है। साथ ही इस मामले में एसआईटी बनाकर जांच से भी इनकार कर दिया।

पुलिस की जांच इस इस दिशा में भी आगे बढ़ रही है कि क्या कर्मचारी चयन मंडल के लिए परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा उपकरण लगाने वाले वेंडर की तरफ से कोई तकनीकी खामी रही हो, जिसका फायदा भर्ती माफिया ने उठाया।

आधार सिस्टम की खामियां उजागर

पुलिस मुख्यालय ने UIDAI (भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण) को आधार अपडेशन सिस्टम की खामियों के बारे में बताया है। इसके बाद यूआईडीएआई की टीम ने पुलिस मुख्यालय का दौरा किया और सिस्टम की तकनीकी खामियों को देखा। एडीजी चयन एवं भर्ती सोनाली मिश्रा और इंटेलिजेंस शाखा के अफसरों ने यूआईडीएआई (Unique Identification Authority Of India) के अधिकारियों को आधार अपडेशन की प्रक्रिया को और मजबूत करने की सलाह दी।

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मामले में जांच के लिए 5 स्पष्ट बिंदु तय

आधार अपडेशन सिस्टम की खामियों के बाद पुलिस ने जांच के 5 स्पष्ट बिंदु तय किुए हैं। पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा ने सभी जिलों के एसपी को एसओपी भेजते हुए इन बिंदुओं पर विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।

ये खबर भी पढ़ें...MP Police Constable Recruitment Scam: पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 में फर्जीवाड़े पर CM के सख्त कार्रवाई के निर्देश

सबसे अहम सवाल हैं-

  • सॉल्वर कौन था?
  • उम्मीदवार से मिलाने वाला दलाल कौन है?
  • आधार की हिस्ट्री किसने बदली और किस आईडी से बदली?
  • आईडी कहां से और कैसे इस्तेमाल हुई?
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चयनित उम्मीदवारों की आधार हिस्ट्री की जांच

पुलिस अब चयनित हुए हर उम्मीदवार की आधार हिस्ट्री खंगाल रही है, विशेष रूप से उन नामों की जांच की जा रही है जिन्होंने परीक्षा के कुछ दिन पहले और बाद में अपने आधार में अपडेट किया था।

आरक्षक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया और संख्याएं

  • ऑनलाइन परीक्षा (2023): 6,52,057 उम्मीदवार शामिल
  • शारीरिक दक्षता के लिए चयन: 55,220
  • अंतिम चयनित अभ्यर्थी: 6,423 (पुरुष: 5090, महिला: 1333)

शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी हेरफेर

  • कुछ मामलों में फिजिकल टेस्ट में भी फर्जीवाड़ा हुआ।
  • मुरैना में 5 अभ्यर्थियों की जगह अन्य लोग फिजिकल परीक्षा में पहुंचे।
  • इन सभी पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई।
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आधार वेंडर की मिलीभगत भी उजागर

  • कुछ आधार ऑपरेटरों ने बिना उचित सत्यापन के फर्जी बायोमेट्रिक अपडेशन किए।
  • इसका फायदा उठाकर दलालों और अभ्यर्थियों ने यह अपराध किया।
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