MP Petrol pump closed : सोयाबीन और धान बोवी की तैयारियों से ठीक पहले तेल कंपनियों ने करारा झटका दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंपों को डीजल की सप्लाई लगभग 40 फीसदी तक कम कर दी है। प्रदेश में करीब 4 हजार पेट्रोल पंप है औसतन एक पंप से रोजाना करीब तीन हजार लीटर डीजल की बिक्री होती है।
इस तरह प्रति पंप करीब 1200 लीटर डीजल कटौती की जा रही है। इस संबंध में पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर तेल कंपनियों से पेट्रोल-डीजल की मांग के अनुसार सप्लाई कराने की मांग की है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने बताया कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम अपने अधिकृत डीलर्स को मांग के अनुसार सप्लाई नहीं कर रहे है। जबकि पंचायत और निकाय चुनाव के चलते डीलर्स को निर्धारित मात्रा में पेट्रोल डीजल का स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए है।
प्रदेश में धान और सोयाबीन की बोवनी का काम शुरू होने वाला है। इस समय डीजल की खपत सामान्य दिनों की अपेक्षा 3 से 4 गुना बढ़ जाती है। सप्लाई पूरी नहीं होने से पेट्रोल और डीजल की किल्लत शुरू हो गई है। कंपनियां मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं करने की वजह दाम कम होने से नुकसान बता रही है।
मध्यप्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अयज सिंह ने कहा है कि अगर कंपनियों ने पर्याप्य सप्लाई नहीं की तो उपभोक्ताओं, खास तौर से किसानों को बहुत परेशानी होगी। डीलर्स को भी नुकसान होगा। कंपनियों को कम से कम अपने ग्राहकों का ध्यान रखना चाहिए। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 4 हजार से अधिक पेट्रोल पंप है। जिनमें 3 हजार लीटर औसतन एक पंप रोजाना डीजल की बिक्री करता है। लेकिन 40 फीसदी कम आपूर्ति के चलते डीजल की किल्लत हो गई है। आने वाले समय में समस्या बड़ी हो सकती है।