MP Pension: पहली बार एक साथ 7 लाख कर्मचारियों और पांच लाख पेंशनर्स (MP Pension) की अवाज उठाने वाले संगठनों के पंजीयन निरस्त कर दिए गए हैं। इसक बाद अब इन कर्मचारियों और पेंशनर्स की लड़ाई लड़ने वाला कोई और नहीं है।
पंजीयन निरस्त (MP Pension) होने के बाद न तो सरकार से पत्राचार कर सकते हैं न अपनी बात किसी मंत्री- अधिकारियों से मिलकर बता सकते हैं। खास बात यह है कि पंजीयन निरस्त करने वाली यह संस्था उद्योग विभाग के अंदर आता है, जबकि यह विभाग स्वयं एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव के पास है।
मामला बाहर आने का बाद खुद सीएम मोहन यादव (MP Pension) ने इसपर संज्ञान लिया औ तुरंत उन्होंने रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी को तलब किया गया है। 3 लाख कर्मचारियों की अगुवाई करने वाले तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का पंजीयन रद्द होने के बाद यह मामला हाई कोर्ट में ले जाया गया है। बता दें कि इसमें मंत्रालय कर्मचारी संघ, विधानसभा कर्मचारी संघ व पेंशनर्स एसो. का पंजीयन रद्द किया गया है।
2021 से 2024 तक 15 दिन नोटिस
मुख्य सचिव को कर्मचारी संगठनों की ओर से लिखे पत्र में सहायक पंजीयक (MP Pension) और फर्म संस्थान भोपाल की तरफ से पंजीकृत संस्थाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस पत्र में आगे लिखा था कि इसपर जल्द से जल्द रोक लगाई जाए।
रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी ने कुछ पंजीकृत संस्थाओं का पंजीयन 3 माह में एक नोटिस देकर समाप्त कर दिया था, इसपर जल्दी से जल्दी लेखन संघ को 2021 से 2024 तक 15 दिन का नोटिस दिया गया है। नोटिस मिलने के बाद अब हाल ही में संस्था ने मंत्रालय में लगी आग का हवाले देते हुए सारे रिकॉर्ड जलने की बात कही थी।
सबसे पुराने संगठनों को सिर्फ एक से तीन माह का नोटिस
1. मध्यप्रदेश सचिवालयीन (मंत्रालय) कर्मचारी संघ
55 साल पुराने संगठन को महज तीन महीने के नोटिस (MP Pension) पर पंजीयन 1263/1969 निरस्त कर दिया गया था। कारण- शासीय निकाय का निर्वाचन न कराने पर धारा-34 के तहत कार्रवाई की गई है।
2. मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ
52 वर्ष पुराना संगठन पंजीयन क्रमांक 2981/ 1972 को 14 जून 2023 को रद्द कर दिया गया था। जबकि इस संस्था को 8 मई 203 को नोटिस जारी किया गया था। जिसके चलते इनपर रोक लगाई गई थी। इसको रद्द करने का कारण धारा 27-28 का उल्लघंन है।
3.पेंशनर्स एसोसिएशन
पेंशनर्स एसोसिएशन करीब 33 वर्ष पुराना संगठन (MP Pension) है। इस संगठन को 6 सितंबर 2023 को धारा-34 के तहत नोटिस देकर पंजीयन 22231/1989 निरस्त कर दिया गया था। बता दें कि मध्यप्रदेश सचिवालयीन शीघ्र लेखक संघ को सर्वप्रथम 2021 में नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद उनको 14 मार्च 2022, 12 मई 2022 और 15 फरवरी 2024 को हर 15-15 दिन के अंतराल पर नोटिस दिया। मगर 4 साल बाद भी इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
जिम्मेदारों के अलग-अलग बयान
इस कार्य पर हर किसी के बयान में भिन्नता (MP Pension) देखी गई है। प्रभारी सहायक पंजीयक संजय सीठा ने कहा कि हर संगठन की प्रकृति अलग-अलग होती है। इसलिए सभी पर एक संगठन पर समान कार्रवाई करना मुश्किल है। जिनके पंजीयन रद्द किए गए हैं, वे विधिवत हैं। वहीं रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी के आलोक नागर ने कहा ‘मैं अपीलेंट अथॉरिटी हूं। मेरे पास मामला आएगा तो उसकी सुनवाई करूंगा। अभी मेरे पास ऐसा मामला नहीं आया है।’
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