भोपाल। नीमच, मंदसौर, उज्जैन में हुई पत्थरबाजी की घटना को लेकर सीएम शिवराज नेे सख्ती दिखाई है।सीएम शिवराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में हर कीमत पर अमन-चैन कायम रहना जरूरी है अगर कोई गड़बड़ करेगा, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह चेतावनी पिछले दिनों नीमच, उज्जैन और मंदसौर में हुई घटनाओं को लेकर दी है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं पर अफसरों से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और विभाग प्रमुखों के साथ बैठक में कहा कि माफिया और मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान में ढिलाई न की जाए। साथ ही अफसरों को भी चेताते हुए कहा कि माफियाओं को संरक्षण देने वाले अफसर भी संभल जाएं। सीएम ने संकेत दिए हैं कि सरकार पत्थरबाजों के खिलाफ कानून भी ला सकती है।
पत्थरबाजी कोई साधारण अपराध नहीं है, इससे किसी की जान भी जा सकती है।
कई बार उत्पाती सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
ऐसे अपराधियों को सख्त सजा के साथ-साथ उनके द्वारा किये गये नुकसान की भरपाई भी की जायेगी। हम इस पर कड़ा कानून बना रहे हैं। pic.twitter.com/jkphLX86Qq
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 3, 2021
हर महीने कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस होगी
सीएम शिवराज सिंह का बयान देते हुए कहा कि हर महीने कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस होगी। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी और अच्छा काम करने वाले पुरस्कृत होंगे। कांफ्रेंस के बाद अधिकारियों को एक्शन टेकन रिपोर्ट देनी होगी।
क्या कमलनाथ जी चाहते हैं कि कोविड सेंटर हमेशा खुले रहें?
प्रदेश में #COVID19 पूरी तरह से नियंत्रित है।
इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। होम आइसोलेशन का भी इंतजाम है।
आवश्यकता होगी, तो फिर कोविड सेंटर खोल देंगे, लेकिन केवल खोलने के लिए खोलना; इसका कोई औचित्य नहीं है। pic.twitter.com/QORngDQ5ye
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 3, 2021
कोविड सेंटर बंद होने पर शिवराज ने कहा कि कोरोना की स्थितियां पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसलिए सेंटर बंद किए जा रहे हैं। शिवराज ने कमलनाथ के ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ के पास कोई काम नहीं है।
गौरतलब है कि कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि प्रदेश में कोरोना से मौतें जारी , संक्रमण का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। विधानसभा का सत्र तक कोरोना के भय से निरस्त और शिवराज सरकार ने भोपाल को छोड़कर प्रदेश के सभी कोविड केयर सेंटर बंद किये ? एक तरफ़ भ्रष्टाचार को रोकने के लिये लंबे-चौड़े भाषण और दूसरी तरफ़ सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिये जांच एजेंसियो को अब सरकार से अनुमति लेना आवश्यक ? शिवराज सरकार के दोहरे चरित्र के यह उदाहरण शिवराज सरकार अजब है – ग़ज़ब है ?