भोपाल: मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों से जुड़ी यह बड़ी खबर सामने आ रही है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पंचायत चुनाव के लिए तैयार की जाने वाली फोटोयुक्त मतदाता सूची के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। यह फैसला मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश के चलते लिया गया है। ऐसे में अब मतदाता सूची तभी तैयार की जाएगी जब परिसीमन का काम पूरा हो जाएगा। इसके आधार पर ही ब्लॉकवार मतदाता सूची को तैयार किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि फोटोयुक्त मतदाता सूची का वार्षिक पुनरीक्षण कार्यक्रम वर्ष-2022 आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। पुनरीक्षण का कार्यक्रम 29 दिसम्बर 2021 को जारी किया गया था, लेकिन मध्यप्रदेश अध्यादेश के प्रवर्तित होने के फलस्वरूप ग्राम पंचायतों में वर्तमान प्रभावशील परिसीमन की जानकारी राज्य शासन से मांगी गई है।
दरअसल, 29 दिसंबर को आयोग द्वारा एक जनवरी, 2022 की संदर्भ तिथि के आधार पर पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित किया गया था। इसके तहत फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का ग्राम पंचायत एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 4 जनवरी, 2022 को किया जाना था। इस दौरान 18 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता दावा प्रस्तुत कर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं। दावा-आपत्तियों का निराकरण 12 जनवरी और फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का सार्वजनिक प्रकाशन 16 जनवरी, 2022 को ग्राम पंचायत तथा अन्य विहित स्थानों पर किया जाना था, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है।
पंचायतों में फिर से होगा परिसीमन का काम
राज्यपाल द्वारा गुरूवार को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अध्यादेश, 2021 प्रख्यापित किया गया है। इस अध्यादेश में मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में एक नयी धारा 10 क जोड़ी गई है। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि अगर पंचायतों के कार्यकाल के समाप्ति के पहले किए गए पंचायतों और उनके वार्डों तथा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन के प्रकाशन की तारीख से अठारह माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो ऐसा परिसीमन और विभाजन अठारह माह की अवधि की समाप्ति पर निरस्त समझा जाएगा।
ऐसी स्थिति में पंचायतों और इनके वार्डों के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन अथवा विभाजन नये सिरे से किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2020 के पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिए सितम्बर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, जो इस अध्यादेश के परिणामस्वरूप निरस्त हो गई। अब पंचायतों और उनके वार्डों और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन तथा विभाजन की कार्यवाही पुनः की जाएगी, जिसके आधार पर निर्वाचन की लंबित प्रक्रिया संपन्न होगी।