MP Organ Donation Guidelines: मध्यप्रदेश में अंगदान को लेकर गाइडलाइन बनाई गई है। अब ऑर्गन ट्रांसप्लांट में प्राथमिकता मरीज की स्थिति के आधार पर तय की जाएगी। जिस मरीज की हालत नाजुक है, उसे वेटिंग लिस्ट में ऊपर रखा जाएगा।
स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन ने गाइडलाइन जारी की है। सभी अस्पतालों को अपनी लिस्ट सोटो की वेबसाइट http://sotto.mp.gov.in/ पर तैयार करनी होगी। इसे शहर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की डीन से सर्टिफाई करेंगे।
एक पद डोनेशन वॉलेंटियर के लिए
मेडिकल कॉलेज में एक पोस्ट ऑर्गन डोनेशन वॉलेंटियर के लिए होगा। ये नियम वन नेशन, वन पॉलिसी के तहत जारी किए गए हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार के नियमों के तहत ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोसेस को आसान और तेज बनाने के लिए सुपर अर्जेंट सूची तय की गई है। इससे पहले एमपी में स्पष्ट नियम नहीं थे।
पहली बार समयसीमा तय
डॉक्यूमेंट्स पूरा करने के लिए दस दिन, गलती सुधारने और साक्षात्कार के लिए सात दिन का समय तय किया है। प्राधिकार समिति को आखिरी फैसला लेने के लिए 24 घंटे का समय मिलेगा। प्रोसेस छह से आठ सप्ताह के अंदर पूरी होगी।
स्थानीय निवासी होना जरूरी नहीं
नाबालिग का अंगदान प्रदेश सरकार की पूर्व अनुमति के नहीं होगा। विदेशी को ऑर्गन नहीं दे सकेंगे। डोनर और प्राप्तकर्ता की पहचान के लिए ई-आधार वैरिफिकेशन रिश्तेदार या जीवितदाता के परिजन से वरना दोनों में जरूरी है।
दूसरे प्रदेश के निवासी मध्यप्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करा सकेंगे। इससे पहले अंग दान के लिए स्थानीय निवासी सर्टिफिकेट जरूरी था। अब बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
एम्स में कैंसर मरीजों के लिए जीआई आंकोसर्जरी क्लीनिक
एम्स भोपाल ने सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के तहत गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल आंकोसर्जरी क्लीनिक की शुरुआत की है। यह क्लिनिक विशेष रूप से पाचन तंत्र, लिवर, पित्ताशय और बाइल डक्ट कैंसर के मरीजों के लिए होगा। क्लीनिक सोमवार को दोपहर 2 से 4 बजे तक खुलेगा।