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MP Nursing Scam: मध्यप्रदेश के सभी पैरामेडिकल कॉलेजों में नहीं होंगे नए एडमिशन, हाईकोर्ट ने मान्यता पर भी लगाई रोक

MP Nursing Scam: 16 जुलाई, बुधवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी पैरामेडिकल कॉलेजों में नए एडमिशन पर रोक लगा दी है। यह आदेश पैरामेडिकल कॉलेजों की सत्र 2023-24 और 2024-25 की मान्यता और एडमिशन में सामने आई गंभीर गड़बड़ियों को देखते हुए लिया गया है।

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sanjay warude
MP Nursing Scam Paramedical College Admission Recognition Ban High Court order hindi news

MP Nursing Scam Paramedical College Admission Recognition Ban High Court order hindi news

MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों को एक बड़ा झटका लगा है। 16 जुलाई, बुधवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी पैरामेडिकल कॉलेजों में नए एडमिशन पर रोक लगा दी है। यह आदेश पैरामेडिकल कॉलेजों की सत्र 2023-24 और 2024-25 की मान्यता और एडमिशन में सामने आई गंभीर गड़बड़ियों को देखते हुए लिया गया है।

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प्रदेश में पैरामेडिकल की मान्यता प्रक्रियाओं में अनियमितताओं को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे थे। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यताओं की गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया था। एसोसिएशन की ओर से नर्सिंग मामले की जनहित याचिका लगाई थी। पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों की पीएलआई दर्ज की गई।

कोर्ट में पैरामेडिकल पर पहली सुनवाई

पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के घोटाले के साथ प्रदेश के सभी पैरामेडिकल कॉलेजों की एकसाथ सुनवाई का निर्णय लिया था। जिसके बाद बुधवार को पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता व प्रवेश पर कोर्ट ने पहली सुनवाई की। अब अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। इस रोक से उन छात्रों को परेशान होना पड़ेगा जो इन कॉलेजों में प्रवेश लेने की तैयारी कर रहे थे।

नियम खिलाफ मान्यता दी जा रही

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ओर से दलील दी गई थी कि नर्सिंग की तरह पेरामेडिकल कॉलेजों के मान्यताओं में भी अनियमितताएं की जा रही। एमपी पैरामेडिकल काउंसिल के एकेडमिक सत्र 2023-24 और 2024-25 की मान्यता नियम के खिलाफ दी जा रही। नर्सिंग घोटाले की जांच में जिन कॉलेजों को सीबीआई ने अनसूटेबल बताया, उन्हीं बिल्डिंगों में पैरामेडिकल काउंसिल अब पैरा मेडिकल कॉलेजों की मान्यता बांट रही।

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ऐसी नीतियां कौन बनाते हैं ?

पैरामेडकल कौंसिल की ओर से पेश हुए वकील ने तर्क दिए कि कानूनी और तकनीकी समस्याओं के चलते अकादमिक सत्र देरी से चल रहा है। कौंसिल की सभी कार्यवाहियां विधि सम्मत है। इसमें राज्य सरकार का भी अनुमोदन है। हाईकोर्ट ने इस तर्क पर कहा कि आखिर ऐसी नीतियां कौन बनाते हैं ?

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अगली सुनवाई तक रहेगी रोक

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रदेश भर के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और एडमिशन प्रक्रिया पर अगली सुनवाई तक रोक रहेगी। हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र 2023-24 और 2024-25 जब गुजर चुके हैं तो उनकी मान्यता 2025 में कैसे दी जा सकती है ?

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बिना सम्बद्धता कॉलेजों में प्रवेश

आरोप यह भी है कि मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता लिए बिना सरकारी और निजी पैरामेडिकल कॉलेजों के द्वारा अवैध रूप से छात्रों के प्रवेश दिए जा रहे हैं।

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