हाइलाइट्स
- नर्सिंग घोटाले को लेकर NSUI ने सरकार पर गंभीर आरोप।
- पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- यह व्यापम से भी बड़ा घोटाला।
- हाईकोर्ट की टिप्पणी- “हे भगवान! यह तो सोच से परे है”
MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले ने फिर से राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। NSUI और कांग्रेस ने सरकार पर घोटालेबाजों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। NSUI का कहना है कि हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बावजूद जांच सिर्फ दिखावा बनी हुई है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे व्यापम घोटाले से भी बड़ा बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
NSUI का आरोप, दोषियों को मिला संरक्षण
मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले ने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर एक फिर सवाल उठे हैं। NSUI नेता रवि परमार ने आरोप लगाया कि घोटाले में शामिल करीब 99% आरोपी अभी भी जांच के बाहर हैं। सरकार दोषियों को बचा रही है। फर्जी कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों को दोबारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं, जैसे, परीक्षा संचालन, मान्यता प्रक्रिया इत्यादि।
उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने फर्जी कॉलेजों को मान्यता दी, उन्हें फिर से जिम्मेदारी दी गई है। एनएसयूआई ने पहले भी शिकायतें की थीं, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
कमलनाथ बोले- व्यापम से भी बड़ा घोटाला
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नर्सिंग घोटाले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश अब “घोटाला प्रदेश” बन गया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी सिर्फ लीपापोती करती है और अब तक किसी घोटाले में सख्ती नहीं दिखाई गई। उन्होंने उच्च न्यायालय की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, “हे भगवान! यह घोटाला तो सोच से भी परे है।”
हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी सिर्फ दिखावा
रवि परमार ने आरोप लगाया है कि कि हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बावजूद सरकार ने केवल औपचारिकताएं निभाईं। उन्होंने कहा कि फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को अनुशंसा देने और जांच में शामिल अधिकारियों को बचाया गया।
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इन आरोपियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
- मीनू नायर, राखी पटेल- गांधी मेडिकल कॉलेज, इन्हें परीक्षा संचालन और मान्यता से जुड़े अहम कार्य दिए गए।
- डॉ. जितेन्द्र महावर, डॉ. हरिसिंह मकवाना, डॉ. संदीप मर्सकोले
- नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज जबलपुर की प्राचार्य स्टेला पीटर
- नर्सिंग स्टाफ: रजनी नायर, प्रियदर्शिनी डेहरिया, दीपिका कुंभारे, राजश्री मालवीय
इन सभी के खिलाफ आरोप पत्र जारी होने के बावजूद कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया है।
न्यायिक जांच की मांग
NSUI ने मांग की है कि पूरे घोटाले की जांच न्यायिक निगरानी में हो। साथ ही, दोषियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो। NSUI और रवि परमार की टीम अब घटनाक्रम से संबंधित दस्तावेजों और साक्ष्यों के साथ अदालत जाएगी। रवि परमार ने कहा कि वे जल्द ही दस्तावेजों और सबूतों के साथ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
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MP Nursing Colleges Verification: एमपी में नर्सिंग कॉलेजों की होगी सख्त जांच, 30 जून तक फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य
मध्य प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा में सुधार के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 30 जून 2025 तक सभी नए और संदिग्ध नर्सिंग कॉलेजों का फिजिकल सत्यापन होगा। फर्जी कॉलेजों और CBI जांच में अपात्र पाए गए संस्थानों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। निरीक्षण के लिए संयुक्त टीमों का गठन किया जाएगा, जो प्रत्येक संस्थान का मूल्यांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…