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नर्सिंग घोटाला: फैकल्टी न होने से 2021 में जिन कॉलेजों की खत्म की मान्यता, उनमें से 8 को दोबारा मिली संबद्धता

MP Nursing Scam: जिस नर्सिंग घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश में इतना सब कुछ हुआ, उसे लेकर अब भी कई नये खुलासे हो रहे हैं

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Rahul Sharma
नर्सिंग घोटाला: फैकल्टी न होने से 2021 में जिन कॉलेजों की खत्म की मान्यता, उनमें से 8 को दोबारा मिली संबद्धता

हाइलाइट्स

  • मध्य प्रदेश का नर्सिंग घोटाला फिर सुर्खियों में
  • 8 कॉलेजों की संबद्धता बहाल करने का मामला
  • फर्जी फैकल्टी मामले में 2021 में खत्म हुई थी मान्यता
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MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश का बहुचर्चित नर्सिंग घोटाला फिर सुर्खियों में है। जो जानकारी सामने आ रही है, उसने फिर एक बार व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरअसल प्रदेश के जिन कॉलेजों में प्राचार्य और फैकल्टी न होने के के कारण वर्ष 2021 में मान्यता एवं संबंधता खत्म कर दी गई थी।

04 जुलाई 2024 को उनमें से 8 कॉलेजों को एक बार फिर मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा संबद्धता दे दी गई है। इससे कई सवाल फिर खड़े हो रहे हैं।

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फर्जी फैकल्टी में दोषी पाए गए थे कॉलेज

अगस्त 2023 में फर्जी फैकल्टी में दोषी पाए जाने पर 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त की गई थी।

वहीं जब मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर की मार्च 2024 में कार्य परिषद की बैठक हुई थी।

स्पष्ट उल्लेख हैं कि 08 नर्सिंग महाविद्यालय ऐसे हैं जिनकी मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल (एमपीएनआरसी) द्वारा सत्र 2022-23 की मान्यता निरस्त की जा चुकी है।

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उसके बाद 4 जुलाई 2024 को फिर मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर ने कार्य परिषद के मिनिट्स जारी किए।

उसमें उन 8 कालेजों को मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल की मान्यता का हवाला देते हुए संबद्धता जारी कर दी गई।

इस तरह चला खेल

नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने बताया कि लॉर्ड बुद्धा कॉलेज ऑफ पैरामेडीकल, रीवा में निरीक्षण के समय प्रिंसिपल और फैकल्टी की कमी पाए जाने पर निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर सत्र 2021-22 हेतु 08.01.2024 की विद्यापरिषद एवं 09. 01.2024 की कार्य परिषद में अमान्य किया था।

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12.02.2024 में महाविद्यालय आंख कड द्वारा वि.वि. में शपथ पत्र प्रस्तुत किया कि फैकल्टी की कमीपूर्ति कर ली गई है। प्रकरण पुनः 28.02.2024 विद्यापरिषद में प्रस्तुत किया गया, लेकिन पूर्व बैठक के निर्णय को यथावत रखते हुए सत्र 2022-23 हेतु निरीक्षण कराने का निर्णय लिया गया।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1810656701504254213

लेकिन दिनांक 06.05.2024 को पुनः महाविद्यालय द्वारा पत्र प्रस्तुत किया गया और फैकल्टी की सूची को भी नोटराइज्ड कर प्रस्तुत किया गया साथ ही सूचित किया गया कि उक्त महाविद्यालय को पैरामेडीकल काउंसिल की मान्यता प्राप्त है और BMLT-36 DMLT-09 छात्रों की सूची संलग्न किया गया है।

परमार के मुताबिक उक्त महाविद्यालय द्वारा यह भी सूचित किया गया कि सत्र 2022-23 की M.P. Paramedical से मान्यता अभी लंबित मतलब सिर्फ एक शपथ पत्र के आधार पर जिस कालेज के पास 3 साल से प्रिंसिपल और फैकल्टी नहीं था उसको संबद्धता दे दी गई।

जांच के बाद भी फर्जी मान्यता हो रही जारी

रवि परमार के मुताबिक सरदार पटेल कॉलेज आफ नर्सिंग रतलाम को 60 सीटों के लिए संबद्धता दी गई थी, लेकिन फिर नियम विरुद्ध 30 सीटों की वृद्धि कर दी गई।

परमार के मुताबिक ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं ऐसे कई फर्जी नर्सिंग और पेरामेडिकल कालेजों को विवि द्वारा संबद्धता जारी की गई हैं।‌

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परमार ने कहा कि इन सभी तथ्यों से स्पष्ट हो चुका हैं कि नर्सिंग कॉलेज घोटाले (MP Nursing Scam) में संलिप्त दोषियों को संरक्षण प्राप्त है।

जांच के बावजूद नर्सिंग कॉलेजों को फर्जी मान्यता दी जा रही है।

परमार ने कहा कि जल्द ही इस मामले (MP Nursing Scam) में वह शामिल भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर करेंगे।

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विधानसभा में गूंजा था नर्सिंग घोटाला

हाल ही में हुए विधानसभा के मानसून सत्र में नर्सिंग घोटाले (MP Nursing Scam) की गूंज सुनाई दी थी।

विपक्ष ने लगातार इसे लेकर विपक्ष में हंगामा किया। ध्यानाकर्षण की सूचना पर करीब 4 घंटे इस पर चर्चा हुई।

विपक्ष ने मंत्री विश्वास सारंग के जवाब पर विशेषाधिकार हनन के दो प्रस्ताव भी दिए। हालांकि सारंग ने इसे कांग्रेस की खीज बताया।

बता दें कि कांग्रेस अब इस मामले (MP Nursing Scam) को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी में है।

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