MP Nursing Scam Update: मध्यप्रदेश नर्सिंग मामले में हुए घोटालों में एमपी नर्सिंग काउंसिल की बड़ी करतूत सामने आई है। जिसमें तत्कालीन रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट द्वारा मांगे गए 13 से 19 दिसंबर, 2024 तक के सीसीटीवी फुटेज ही गायब करवा दिए। अब हाईकोर्ट ने इसके लिए भोपाल पुलिस कमिश्नर और साइबर सेल को निर्देश दिए हैं। जिसमें कहा गया कि सीसीटीवी फुटेज से संबंधित जांच कर रिपोर्ट 15 दिन में कोर्ट को सौंपी जाए।
नर्सिंग काउंसिल ने ये अब ये खेल कर दिया
बता दें, मध्यप्रदेश नर्सिंग मामले में लंबी चली सीबीआई जांच के बाद 500 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों में ताला लग गया है। इसी दौरान काउंसिल ने एक और बड़ा खेल कर दिया। नर्सिंग काउंसिल ने उन कॉलेजों में भी एनरोलमेंट दिखा दिया जिन कॉलेजों में साल 2022-23 में एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया था। इसकी जानकारी सीबीआई जांच में समाने आई थी।
कोर्ट ने जो सीसीटीवी फुटेज मांग वे काउंसिल ऑफिस से गायब
दरअसल, नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में गुरुवार को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एमपी नर्सिंग काउंसिल दफ्तर के 13 दिसंबर से 19 दिसंबर, 2024 तक की अवधि के सीसीटीवी फुटेज संरक्षित कर बंद लिफाफे में पेश करने के निर्देश जारी किए गए थे।
रजिस्ट्रार के हटते ही सीसीटीवी फुटेज गायब!
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में दस्तावेज पेश कर बताया गया कि काउंसिल से 11 से 16 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज गायब हो गए हैं, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट ने जब 12 दिसंबर को तत्कालीन रजिस्ट्रार को हटाने के आदेश दिए थे। उसके बाद उनके द्वारा अपने कार्यकाल में की गई अनियमितताओं से संबंधित फाइलें 14 दिसंबर को गायब की गई हैं और सहयोगियों के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज भी डिलीट किए गए हैं।
हाईकोर्ट ने यह आदेश भी दिए
हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने मामले की सुनवाई के बाद पूरा मामला पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को सौंपते हुए आदेश दिया है कि उक्त अवधि के नर्सिंग काउंसिल कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज पुनः रिट्रीव करने के हर संभव प्रयास किए जाएं और यदि आवश्यक लगे तो काउंसिल ऑफिस के आसपास लगे कैमरों की रिकार्डिंग देखकर पता लगाया जाए कि दफ्तर से क्या-क्या बाहर ले जाया गया है?
हाईकोर्ट ने साइबर सेल के तत्कालीन रजिस्ट्रार के मोबाइल फोन के टावर लोकेशन के बारे में भी जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। ताकि 13 से 19 दिसंबर, 2024 की अवधि के दौरान नर्सिंग काउंसिल के कार्यालय में उनकी भौतिक उपलब्धता का पता चल सके।
जिन कॉलेजों में नहीं थे छात्र, उनके भी कर दिए एनरोलमेंट
याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर तत्कालीन रजिस्ट्रार अनीता चांद पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके द्वारा ग्वालियर के अनेक ऐसे नर्सिंग कॉलेजों के सत्र 2022-23 के छात्रों के नामांकन अवैध रूप से जारी किए गए हैं। जिन कॉलेजों की सीबीआई जांच रिपोर्ट में सत्र 2022-23 में एक भी छात्र प्रवेश लेना नहीं पाए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा कॉलेजों से मिलीभगत कर सीबीआई रिपोर्ट को दरकिनार कर बैक डेट पर फर्जी तरीके से प्रवेशित दर्शाए गए छात्रों के इनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोला गया। आरोपों की गंभीरता के चलते हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को एनरोलमेंट संबंधी फाइलें हाई कोर्ट में पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता स्वयं तथा उनके वकील आलोक वागरेचा उपस्थित रहे। वहीं शासन और काउंसिल की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, अतिरिक्त महाधिवक्ता भारत सिंह ने पैरवी की।
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