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परीक्षाओं की तारीखों में लगातार विलंब। (फोटो-एआई)
हाइलाइट्स
- मार्च की जगह अब अप्रैल मई में होगी परीक्षाएं।
- 2020-21 और 2021-22 के बैच की परीक्षा हो रही है देरी से।
- परीक्षा में देरी होने से नौकरी और इंटर्नशिप पर खतरा।
MP Nursing Exam Postponed: मध्य प्रदेश में नर्सिंग छात्रों का भविष्य एक बार फिर अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमपीएमएसयू) ने बीएससी, एमएससी और पीबीबीएससी नर्सिंग परीक्षाओं की तारीखों को फिर से बढ़ा दिया है। पहले मार्च 2025 में प्रस्तावित परीक्षाएं अब अप्रैल-मई 2025 में आयोजित की जाएंगी। इस निर्णय से नर्सिंग छात्रों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
पुराने बैचों की परीक्षाएं भी लंबित
2019-20 बैच के बीएससी नर्सिंग चौथे वर्ष की परीक्षाएं अभी तक आयोजित नहीं हुई हैं। वहीं, 2020-21 और 2021-22 बैच की परीक्षाएं भी चार साल की देरी से चल रही हैं। छात्रों का कहना है कि समय पर परीक्षाएं न होने से उनके रोजगार के अवसर लगातार खत्म हो रहे हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में कमी के बावजूद परेशानियां
स्वास्थ्य क्षेत्र में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी के बावजूद, नर्सिंग छात्रों की परीक्षाएं लगातार टल रही हैं। छात्रों का आरोप है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी ने परीक्षा और अगले सत्र की फीस तो वसूल ली, लेकिन समय पर परीक्षाएं आयोजित नहीं कराईं। इससे उनका करियर अटक गया है और इंटर्नशिप तथा नौकरी के अवसर भी हाथ से निकल रहे हैं।
चार बार बदल चुकी हैं परीक्षा तिथियां
बताया जा रहा है कि अब तक नर्सिंग परीक्षाओं की तारीखें चार बार बदली जा चुकी हैं। जो परीक्षाएं आयोजित हो चुकी हैं, उनमें से भी केवल आधे अभ्यर्थियों के ही परिणाम जारी किए गए हैं। इस स्थिति ने छात्रों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
छात्रों की मांग
नर्सिंग छात्रों का कहना है कि उनकी परीक्षाएं तुरंत आयोजित की जाएं और परिणाम समय पर जारी किए जाएं। साथ ही, उन्हें इंटर्नशिप और नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएं ताकि उनका करियर सही दिशा में आगे बढ़ सके।
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग के 13 फीसदी पदों को होल्ड करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार ने किस आदेश के तहत ओबीसी के 13 फीसदी पदों को रोका हुआ है, जबकि संबंधित याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह अपना कानून लागू करने में क्यों हिचकिचा रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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