भोपाल। मध्यप्रदेश में पहली बार नगरीय निकाय चुनाव लड़ने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को बुधवार को घोषित परिणाम में पार्षदों की तीन सीटों पर जीत मिली है। इसी के साथ इस महीने के पहले पखवाड़े में हुए नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम के जीते हुए पार्षदों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए छह जुलाई एवं 13 जुलाई को दो चरणों में मतदान हुआ था। पहले चरण के मतदान की मतगणना 17 जुलाई हो हुई थी जिसमें एआईएमआईएम के चार पार्षद प्रत्याशी जीते थे, जबकि दूसरे चरण में आज चल रहे मतगणना में पार्टी के तीन पार्षद प्रत्याशी अब तक जीत गये हैं। पार्टी द्वारा आज जीती हुई ये तीनों सीटें खरगोन नगरपालिका की हैं। इस नगरपालिका के वार्ड नंबर 2 से एआईएमआईएम प्रत्याशी अरूणा बाई उपाध्याय ने भाजपा प्रत्याशी सुनीता देवी को 31 मतों से हराया, जबकि वार्ड नंबर 15 से एआईएमआईएम प्रत्याशी शकील खान ने निर्दलीय प्रत्याशी आसिफ खान को 662 मतों से पराजित किया एवं वार्ड नंबर 27 से एआईएमआईएम प्रत्याशी शबनम अदीब ने निर्दलीय प्रत्याशी शकीला खान को 774 मतों से हराया।
पहले चरण में जीते थे दो प्रत्याशी
एआईएमआईएम के इन तीन प्रत्याशियों के अलावा, खरगोन नगरपालिका चुनाव में भाजपा के 18, कांग्रेस के चार और आठ निर्दलीय पार्षद चुनाव जीते हैं। एआईएमआईएम का मुख्यालय हैदराबाद में है और इस पार्टी ने पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्यप्रदेश में नगर निकाय चुनाव लड़ा है। मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण के मतदान की रविवार को हुई मतगणना में एआईएमआईएम के चार प्रत्याशियों ने खंडवा नगर निगम, बुरहानपुर नगर निगम एवं जबलपुर नगर निगम चुनाव में पार्षद के पद के लिए जीत दर्ज की है। इन चार में से जबलपुर में पार्टी के दो प्रत्याशियों ने और बुरहानपुर एवं खंडवा में एक-एक ने जीत दर्ज की है। आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में खंडवा में एक जनसभा की थी। ओवैसी ने भोपाल, इंदौर और जबलपुर में भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए जनसभाएं की थी। मध्यप्रदेश में कुल 16 नगर निगमों, 99 नगर पालिकाओं और 298 नगर परिषदों के चुनाव दो चरणों में मतदान हुआ था।
क्या विधानसभा पर पड़ेगा इसका असर
निकाय चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की जीत से पार्टी और उसके कार्यकर्तायों का आत्मविश्वास ज़रूर बढ़ेगा पार्टी अब और ज्यादा आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेंगी।