MP News: गुना से बीजेपी विधायक पन्नालाल शाक्य का शिक्षा को लेकर बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि ये कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है. मोटरसाइकिल की पंचर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम अपना जीवन यापन चलते रहे. ये बयान ऐसे समय आया जब सीएम मोहन यादव आज इंदौर में पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए थे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज ही प्रदेश के 55 जिलों में नई शिक्षा नीति के तहत चलने वाले कॉलेजों का शुभारंभ किया. हालांकि उनके बयान को पूरा सुनने पर उसकी हकीकत पता चलता है. उन्होंने उस बयान में कुछ भी अजोबोगरीब बात नहीं कही.
अपनी बात रखने के लिए दिए ये तर्क
विधायक पन्नालाल शाक्य ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “मैं जो बात कहूंगा वो साइंस के फॉर्मूले से और गणित के फॉर्मूले से कहूंगा तो समझ लेना. ये जो महाविद्यालय हैं, शिक्षण संस्थाएं, ये कोई कंप्रेशर हाउस नहीं हैं. जिसमें डिग्री के हिसाब से हवा भर दी जाए और वो सर्टिफिकेट लेकर चला जाए. वास्तव में शिक्षण संस्थाएं वे होती हैं, जिनके ढाई अक्षर पढ़े सो पंडित होय, पोती पढ़ पढ़ जगमुआ पंडित भया न कोय.
भारत में ज्ञान खत्म हो गया है
एक नालंदा विश्वविद्यालय था, जो अग्रणी शिक्षा के लिए जाना जाता है. उस समय वहां 12 हजार विद्यार्थी थे और 1200 प्राचार्य थे. 11 लोगों ने विश्वविद्यालय को जला दिया था. 12 हजार केवल ये सोचते रह गए कि मैं अकेला क्या करूंगा. हिंदुस्तान का ज्ञान खत्म हो गया है. सबसे पहले उस पंचतत्व को बचाने की पूरी कोशिश करो जिससे हमारा शरीर बना है- जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी.
शिक्षा का महत्व समझो
अवैध रूप से नदी, नाले सब पर कब्जा हो गया है, सरकारी जमीन पर कब्जा हो गया है. चरनोई की जमीन पर कब्जा हो गया है. इतने भुखमरे हो गए हम? इस स्तर पर हमने पर्यावरण दूषित कर दिया है. आज हम प्रधानमंत्री श्रेष्ठ महाविद्यालय का शुभारंभ कर रहे हैं. हालांकि मेरा आप सब से निवेदन है कि केवल एक बोध वाक्य पकड़ लेना. ये कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है. पंचर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम अपना जीवन यापन चलता रहे. हम यहां से पढ़ के निकल रहे हैं, पेड़ तो लगा दिया हमने, पानी डालने वाला कोई नहीं है. इसलिए मेरा कहना है कि जरा लौट कर आओ भारतीय दर्शन की तरफ.