MP Outsourced Employees Protest: मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मचारी अपने हक और अधिकारों के लिए एकजुट हो रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव पूर्व किए गए वादों के पूरे न होने से नाराज कर्मचारी ने आज भोपाल के नीलम पार्क, जहांगीराबाद में महा आंदोलन कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन से लंबी बातचीत के बाद देर शाम कार्यक्रम के लिए अनुमति मिल गई है।
‘ इस महंगाई के दौर में भी दो हजार रुपए प्रति महीने मिलते हैं। वो भी तीन से चार महीने बाद दिए जाते हैं। ऐसे में घर कैसे चलाएंगे। सरकार को वेतन बढ़ाना चाहिए।’
यह दर्द आउटसोर्स कर्मचारियों का है। रविवार को प्रदेश भर से कर्मचारी प्रदर्शन करने भोपाल के नीलम पार्क पहुंचे हैं। इसमें विभिन्न सरकारी विभागों, अर्द्धसरकारी संस्थानों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। प्रदर्शन में कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार शामिल हुए।
नरसिंहपुर से भोपाल आए मुकेश सोनवाने के बताया कि पिछले कई साल से दो हजार रुपए मिल रहे हैं। सफाईकर्मी दीनदयाल ने बताया कि पिछले 10 साल से सिर्फ दो हजार रुपए मिलते हैं। महंगाई के जमाने में कैसे गुजारा होगा। वहीं, एमपी टूरिज्म में काम करने वाले वीरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि हर महीने आठ हजार रुपए मिलते हैं। आज के दौर में इन रुपयों से कुछ नहीं होता। घर का किराया दें, बच्चाें को पढ़ाएं या खाना खाएं।
क्या है पूरा मामला
आउट सोर्स कर्मचारियों का कहना है कि उन्हे अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है जिससे कर्मचारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, उन्हे रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है इसलिए वह अब विरोध जताने फिर एक बार सड़कों पर उतरेंगे।
भाजपा ने 2024 के चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में राज्य के आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा पर लाने, वेतन वृद्धि, और केंद्रीय सुविधाएं देने का वादा किया था। लेकिन आज तक इन वादों पर कोई शासकीय आदेश जारी नहीं हुआ है।
ये कर्मचारी थे शामिल
ग्राम पंचायतों के चौकीदार, भृत्य, पंप ऑपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूलों, छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई कर्मचारी, निगम मंडल, नगरीय निकाय, सहकारिता के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मी, शासकीय विभागों के आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर, अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों के वार्ड न्याय, सुरक्षाकर्मी, सहित चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी, मंडियों, राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, यूनिवर्सिटी, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक, शिक्षा विभाग के व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहित सभी शासकीय अर्द्धशासकीय विभागों के अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी “नौकरी में सुरक्षा और न्यूनतम 21000 रूपए वेतन” की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। चपरासी, चौकीदार की नौकरी देने में असफल सरकार के खिलाफ “कामगार क्रांति आंदोलन” के जरिए न्याय मांग रहे हैं।
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