हाइलाइट्स
-
4 साल में 10 हजार एकड़ वन क्षेत्र को बना डाला खेत
-
सालों बाद अब जाकर खुली वन विभाग की नींद
-
वन अमले ने 7000 एकड़ जमीन से हटवाया कब्जा
MP News: एमपी के खंडवा जिले में वन क्षेत्र में लगातार हो रहे अतिक्रमण पर वन विभाग अब नींद से जागा है. विभाग ने वन क्षेत्र की लगभग 7 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को विभाग ने अतिक्रमण मुक्त कराया है. बीते 4 सालों से लगातार यहां जंगलों को काटकर खेत में तब्दील किया जा रहा था. अब जाकर इसपर कार्रवाई हुई हालांकि अभी भी वन क्षेत्र में 5000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जा है.
इस कार्रवाई के लिए लगभग 400 जवानों की टीम मौके पर पहुंची और माफियाओं से जमीन पर कब्जा हटवाने का काम किया. यहां आसपास के लोग जंगलों की कटाई कर उस पर खेती कर रहे थे. यह काम कई सालों से लगातार चल रहा था. वन विभाग ने यह कार्रवाई गुड़ी वन क्षेत्र के हीरापुरा और नाहरमाल में की है. इस कार्रवाई के बाद से अब वन माफियाओं में हड़कंप है.
7000 एकड़ जमीन पर लगा दी फसलें
जंगल के आसपास रहने वाले दबंग माफियाओं ने एरिया की 7 हजार एकड़ जमीन पर अलग-अलग फसलें लगा रखी थीं. जिसमें सोयाबीन और मक्का की फसल ज्यादा लगाई गई थी. सालों इस कब्जा किया जा रहा था जिसका एरिया अब बढ़कर 10 हजार से ज्यादा पहुंच गया. इसमें से प्रशासन ने 7 हजार एकड़ जमीन से कब्जा हटाने का काम शुरू किया है. सोमवार सुबह 9 बजे से फॉरेस्ट टीम, पुलिस और राजस्व अधिकारियों के साथ 400 जवानों का फोर्स ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की.
बारिश की वजह से आ रही थी अड़चन
कब्जा हटा रही टीम को बारिश की वजह से काफी अड़चन आ रही है. जमीन को पूरी तरह कब्जा मुक्त कराने में दो से तीन दिन लग सकते हैं. खेतों की फसल को वन अमले ने ट्रैक्टर चलाकर नष्ट करवा दिया है. कई जगहों पर जेसीबी मशीनों से खंतियां और गड्ढे खोदे जा रहे हैं ताकी माफिया इसमें फसल न लगा सकें. खंडवा जिले में करीब 10 हजार एकड़ भूमि जो जंगल के रिजर्व एरिया में है. इसपर माफिया का कब्जा है.
फोर्स को देख मौके पर नहीं दिखे अतिक्रमणकारी
फोर्स को देखकर माफिया और अतिक्रमणकारी मौके पर नहीं दिखे. वन विभाग की टीम भारी फोर्स लेकर पहुंची थी. यही वजह है कि कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारी भी सामने नहीं आए. ग्रामीणों ने प्रशासन का सहयोग करते हुए ट्रैक्टर उपलब्ध कराए.
कब्जा करने वाले बाहर से आकर रह रहे
एसडीओ संदीप वास्कले ने बताया कि अतिक्रमण करने वाले लोग बाहर से आकर रह रहे हैं. वे इन गांवों के मूल निवासी नहीं हैं. ये लोग खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर क्षेत्र से आकर यहां बसे हैं. यहां आकर एक-दो एकड़ जमीन खरीदते हैं और फिर धीरे धीरे दायरा बढ़ाते हैं.
यह भी पढ़ें: Balaghat Naxalite Encounter: 14 लाख के नक्सली का एनकाउंटर, बालाघाट में था सक्रिय, पुलिस ने किया ढेर