हाइलाइट्स
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एमपी में अवैध क्लिनिकों पर लगा प्रतिबंध
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झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के आदेश जारी
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हर महीने CMHO स्वास्थ्य मंत्री को देंगे रिपोर्ट
MP News: मध्य प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर सरकार सख्त हो गई है. सीएम मोहन यादव ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिए हैं कि प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की क्लिनिक बंद कराए जाएं. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अवैध क्लिनिक न खुले. जिला कलेक्टर हर महीने इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने जिला कलेक्टर्स
स्वास्थ्य विभाग ने जिला कलेक्टर्स और CMHO को पत्र लिखकर अपात्र और झोलाछाप डॉक्टरों के अवैध क्लिनिकों को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर्स को दिए आदेश में कहा गया है कि ऐसे अमान्य क्लिनिक्स और चिकित्सकीय संस्थानों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए. साथ ही गैरकानूनी क्लिनिक्स पर जिले में हुई कार्रवाई की हर महीने रिपोर्ट संचालनालय को भेजी जाये.
फर्जी डॉक्टरों पर लगेगी रोक
प्रदेश में कई फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर फर्जी चिकित्सकीय डिग्री/सर्टीफिकेट का प्रयोग करते हैं. झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा कई बार मरीजों की जान खतरे में डाल दी जाती है. वे कई गलत तरीकों से इलाज करने से कई बार लोग अपनी जान भी गवां देते हैं. ऐसे डॉक्टर ऐलोपैथी की दवाओं का ही ज्यादातर प्रयोग करते हैं.
कई मामले ऐसे जिसमें रोगियों की हुई मौत
ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं, जिसमें झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा गलत दवाओं के उपयोग ने से Abscess, Gangrene, Hypersensitivity reaction, Anaphylaxis, Shock आदि होने एवं सही इलाज के अभाव में रोगियों की मौत हुई है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं म.प्र. मानव अधिकार आयोग द्वारा भी समय-समय पर विचाराधीन विभिन्न प्रकरणों में झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है.
ग्रामीण इलाकों में भी बंद होंगे अवैध क्लिनिक
ऐसे अवैध क्लिनिक ग्रामीण इलाकों में ज्यादा प्रचलित हैं. इस आदेश के बाद ऐसे सभी क्लिनिकों पर बैन लगा दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि जन समुदाय में ऐसे अपात्र व्यक्तियों से उपचार प्राप्त करने पर संभावित दुष्परिणामों के संबंध में जागरूकता लाई जाए. ग्रामीण स्तर तक उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित की जाए.
क्लिनिकों का रजिस्ट्रेशन CMHO अच्छे से जांच के बाद करें
जिले में निजी क्लिनिक्स और निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन CMHO द्वारा किया जाता है. इसलिए गैरकानूनी तरीके से चिकित्सा कर रहे अपात्र व्यक्तियों पर कार्रवाई भी सीएमएचओ करें. और हर महीने की जाने वाली कार्यवाही से शासन को अवगत कराएं, संचालनालय ने इसके लिय एक प्रपत्र भी पत्र के साथ भेजा है.
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