MP News: एमपी के हरदा की फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में आरोपियों द्वारा जमानत याचिका लगाई गई थी. दोनों पार्टनर्स पर पहले से फैक्ट्री से जुड़े कुछ केस चल रहे थे और दोनों जानते थे कि ऐसी घटना हो सकती है. इसी तर्क के साथ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हरदा फैक्टरी ब्लास्ट के तीन आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया. इनमें फैक्टरी का मालिक राजेश अग्रवाल, पार्टनर प्रदीप गोयल और मैनेजर रफीक खान शामिल हैं.
जस्टिस एमएस भट्टी की बेंच ने सुनाया फैसला
एमपी हाईकोर्ट की जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच ने कहा कि राजेश अग्रवाल और प्रदीप गोयल के खिलाफ पहले भी इस तरह के मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें से कुछ मामलों में सजा भी मिली है. इससे यह साफ है कि वे दोनों जानते थे कि ऐसा हादसा फिर हो सकता है. सुरक्षा में लापरवाही होने पर बड़ा हादसा हुआ भी. कोर्ट ने आगे कहा कि मामले की गंभीरता और परिस्थिति को देखते हुए आरोपियों को जमानत का नहीं दी जा सकती है.
संजय सिंह ने जमानत पर लगाई थी आपत्ती
हरदा निवासी संजय सिंह ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका पर आपत्ति लगाई थी. आपत्तिकर्ता के वकील प्रभांशु शुक्ला ने बताया कि संजय सिंह ने इस भीषण हादसे में अपने नौ साल के बेटे को खोया है. गौरतलब है कि 6 फरवरी 2024 को हरदा स्थित राजेश फायर वर्क्स में ब्लास्ट हुआ था. जिसमें 13 निर्देाष लोगों की जान चली गई थी. सरकारी वकील प्रमोद ठाकरे औऱ प्रभांशु शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि ब्लास्ट में 4 सौ लोग घायल हुए थे. जिनमें से 63 की हालत अभी भी गंभीर है. कई घायल पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से दिव्यांग हो गए हैं.
कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
आरोपी राजेश के खिलाफ इसी तरह के 9 प्रकरण लंबित हैं. सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि दोनों मुख्य आरोपियों के खिलाफ इसी नेचर के इतने प्रकरण दर्ज होने के बावजूद उन्होंने गंभीर लापरवाही बरती जिसके कारण यह भीषण हादसा हुआ. इस मामले में पीड़ितों और गवाहों के बयान में भी यह बात सामने आई है कि ब्लास्ट में तीनों की भागीदारी है. गवाहों का यह भी कहना है कि उन्हें अपने बयान बदलने के लिए धमकी भी दी जा रही है. कोर्ट ने तर्क सुनने और केस डायरी का अवलोकन करने के बाद तीनों आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया.