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FCI के कर्मचारी को 5 साल की सजा: CBI कोर्ट भोपाल ने 4.5 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला?

MP News: FCI के कर्मचारी को 5 साल की सजा: CBI न्यायालय भोपाल ने 4.5 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला?

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Harsh Verma
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MP News: सीबीआई न्यायालय भोपाल के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार शर्मा ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अभियुक्त किशोर मीणा (Kishore Meena) को दोषी करार दिया है। उन्हें 5 साल के कठोर कारावास और 4.5 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

अदालत (CBI Court Bhopal) ने यह भी आदेश दिया है कि यदि वह जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें एक साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा, किशोर मीणा के कब्जे से बरामद 3.96 करोड़ रुपये नकद को राजसात करने का भी आदेश दिया गया है।

आय के स्रोत से लगभग 900% अधिक संपत्ति की अर्जित 

[caption id="" align="alignnone" width="523"]publive-image अभियुक्त किशोर मीणा[/caption]

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किशोर मीणा, जो एफसीआई, भोपाल (MP News) के सहायक स्तर एक के पद पर कार्यरत थे, उन्होंने 02.12.2016 से 29.05.2021 के बीच अपनी ज्ञात आय के स्रोत से लगभग 900% अधिक संपत्ति अर्जित की। इस मामले में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 03 जून 2021 को FIR दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मीणा ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध किया है।

सीबीआई (CBI) ने अपने अभियोग को प्रमाणित करने के लिए 31 गवाहों की गवाही ली। किशोर मीणा (Kishore Meena) ने भी अपने बचाव में 2 गवाहों को पेश किया और स्वयं भी साक्ष्य प्रस्तुत किए। सीबीआई की ओर से मामले में लोक अभियोजक मनफूल बिश्नोई ने पैरवी की।

शिवदयाल द्विवेदी से प्राप्त शिकायत के आधार पर कार्रवाई

सीबीआई (CBI) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भोपाल (Anti Corruption Branch, Bhopal) ने 27 मई 2021 को संदीप कपूर सिक्योरिटीज के फील्ड मैनेजर शिवदयाल द्विवेदी से प्राप्त शिकायत के आधार पर कार्रवाई की।

Bhopal CBI News FCI Divisional Manager Caught Bribe - द क्राइम इन्फो

शिकायत में बताया गया कि भारतीय खाद्य निगम के संभागीय कार्यालय, भोपाल के अधिकारियों द्वारा लंबित बिलों के भुगतान के लिए अवैध रूप से रिश्वत मांगी जा रही थी। इस शिकायत की पुष्टि के बाद सीबीआई ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की।

FIR दर्ज होने के बाद, सीबीआई ने एक जाल बिछाया। भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों, अरुण कुमार श्रीवास्तव और मोहन पराते ने शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपये की रिश्वत ली। जब सीबीआई ने पूछताछ की, तो इन दोनों ने बताया कि उन्होंने यह रिश्वत संभागीय प्रबंधक हरीश प्रकाश हिनौनिया (Divisional Manager Harish Prakash Hinouniya) के निर्देश पर ली थी।

किशोर मीणा के पास से 1 लाख रुपये की रिश्वत बरामद

इसके बाद, सीबीआई (CBI) ने अरुण कुमार श्रीवास्तव को हिनौनिया को राशि देने के लिए भेजा। हिनौनिया ने कहा कि यह राशि किशोर मीणा, सहायक स्तर-I को देनी है। जैसे ही किशोर मीणा ने रिश्वत राशि प्राप्त की, सीबीआई ने सभी आरोपियों अरुण कुमार श्रीवास्तव, मोहन पराते, हरीश प्रकाश हिनौनिया और किशोर मीणा को गिरफ्तार कर लिया। किशोर मीणा के पास से 1 लाख रुपये की रिश्वत भी बरामद की गई।

FCI Regional Office, Bhopal (@FciBhopal) / X

सभी आरोपियों की आवासीय परिसरों की भी ली गई तलाशी 

किशोर मीणा की तलाशी के दौरान सीबीआई को उसके पास 60,840 रुपये की अतिरिक्त नकदी मिली। सभी आरोपियों की आवासीय परिसरों (MP News) की भी तलाशी ली गई। किशोर मीणा के घर से लगभग 3 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, 387 ग्राम सोने के आभूषण, 670 ग्राम चांदी के आभूषण और चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए।

इस रिश्वत के मामले में सीबीआई ने अरुण कुमार श्रीवास्तव, मोहन पराते, हरीश प्रकाश हिनौनिया और किशोर मीणा के खिलाफ अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है, जो अभी सीबीआई न्यायालय में लंबित है।

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