रिपोर्ट- कमलेश सारडा
MP News: नीमच में जनसुनवाई के दौरान अजब नजारा देखने को मिला। जहां एक किसान शीर्षासन कर कलेक्ट्रेट पहुंचा। किसान ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई। किसान का कहना है कि वो पिछले 14 साल से अपने हक की जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहा है। कई बार गुहार लगाने के बाद भी उसे इंसाफ नहीं मिला। आखिरकार परेशान होकर किसान ने कलेक्टर ऑफिस के सामने सिर के बल खड़ा हो गया। बताते चलें ऐसै ही एक मामला बीते कुछ दिन पहले भी सामने आया था तब एक किसान सबूत के कागजों की माला पहनकर पहुंचा।
[su_youtubeurl=”https://youtu.be/jibeIGjoAxw?si=sy48p0Wx27t–B6U”autoplay=”No”]14 साल से नहीं मिला किसान को न्याय
किसान माणिकलाल 14 साल से परेशान हैं और उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने दड़ौली से शीर्षासन लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी आवाज उठाई है। इससे पहले भी एक किसान मुकेश प्रजापति ने ऐसा ही किया था और कलेक्टर ने तीन दिन के भीतर न्याय के निर्देश दिए थे। हालांकि तब कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने तीन दिन के भीतर न्याय के आदेश जारी किए थे, लेकिन अब फिर से एक किसान माणिकलाल ने दड़ौली से शीर्षासन लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी 14 साल पुरानी समस्या का समाधान मांगा है।
क्या है मामला
दरअसल जावद तहसील के गांव दड़ौली के निवासी माणिकलाल ने न्याय के लिए कलेक्टर के पास कई बार गुहार लगाई। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने से आखिरकार उसने परेशान होकर कलेक्टर ऑफिस के सामने शीर्षासन किया। माणिकलाल का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी उन्हें सर्वे नंबर 183 में दी गई जमीन के बदले जमीन नहीं दे रहे हैं, जो कि शासन द्वारा दी गई थी।
6 साल से किसानों को नहीं करने दी जा रही खेती
दड़ौली में 18 किसानों को पिछले 6 साल से खेती करने से रोका जा रहा है, जबकि वे पहले वहां खेती करते थे। यह मामला 14 साल से चल रहा है, लेकिन 6 साल पहले वन विभाग ने वहां कब्जा कर लिया और किसानों को खेती करने से रोक दिया। माणिकलाल सहित 18 किसानों की 16.932 हेक्टेयर जमीन वन विभाग के कब्जे में है, और रतनगढ़ और बीट गार्ड उन्हें खेती करने से रोक रहे हैं। यह मामला शासन और वन विभाग के बीच उलझा हुआ है, और किसान परेशान हैं।
कलेक्टर ने जांच समिति बनाकर दिए जांच के निर्देश
दड़ौली में 18 किसानों को पिछले 6 साल से खेती करने से रोका जा रहा है, जबकि वे पहले वहां खेती करते थे। यह मामला 14 साल से चल रहा है, लेकिन 6 साल पहले वन विभाग ने वहां कब्जा कर लिया और किसानों को खेती करने से रोक दिया। माणकलाल सहित 18 किसानों की 16.932 हेक्टेयर जमीन वन विभाग के कब्जे में है, और रतनगढ़ और बीट गार्ड उन्हें खेती करने से रोक रहे हैं। यह मामला शासन और वन विभाग के बीच उलझा हुआ है, और किसान परेशान हैं।