भोपाल। MP News मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 2.50 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आई है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें संविदा कल्चर के लिए खत्म किया जा सकता है। संविदा कल्चर खत्म करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। यह बदलाव होते ही प्रदेशभर के सभी संविदा कर्मियों के लिए सरकारी कर्मचारियों की ही तरह सुविधाएं मिल सकेंगी।
पॉलिसी तैयार कर ली गई है
संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मी की तरह सुविधाएं देने के लिए पॉलिसी तैयार कर ली गई है। इसपर जून माह के आखिरी में मुहर लग सकती है। नई पॉलिसी में न केवल संविदाकर्मियों को पूरा वेतन देने का प्रावधान होगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी दी जाएगी।
संविदा कर्मचारियों की नई पॉलिसी पर मंथन
संविदा कर्मचारियों के लिए सरकारी कर्मियों के समान ही नियमों के दायरे में लाया जाएगा। यानी जिस पद पर काम, उस पद का 90% के बजाय 100% वेतन मिलेगा। नई पॉलिसी पर कई स्तरों पर मंथन हो चुका है। सीधी भर्तियों में अभी संविदाकर्मियों के लिए 20% कोटा रिजर्व है, नई पॉलिसी में इसे बढ़ाकर 50% किया जा रहा है।
अभी क्या है संविदा नियुक्ति के नियम
बता दें कि शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक में भी बीते दिनों इस मामले में चर्चा की गई थी। सामान्य प्रशासन विभाग के नियम में अभी संविदा नियुक्त कर्मचारी को नौकरी छोड़ने पर एक महीने पहले सूचना या एक महीने का वेतन काटने का प्रावधान है।
नियम को शिथिल करने का अधिकार होगा
अब सरकार नियम में संशोधन कर एक प्रावधान जोड़ रही है, जिसके अनुसार सरकार के पास कुछ विशेष परिस्थिति में नियम को शिथिल करने का अधिकार होगा। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से ही राजभवन सचिवालय में जनजातीय प्रकोष्ठ के गठन को समर्थन देने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया था। अब प्रदेशभर में संविदा कल्चर खत्म करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।
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