खंडवा। मध्य प्रदेश की एक अदालत ने साल 2014 में खंडवा जिले में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में 40 लोगों को दोषी पाया है। अदालत ने इस मामले में पथराव में शामिल रहने वाले 40 लोगों को 7-7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस संबंध में अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता अभय दुबे ने जानकारी दी है कि तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश खंडवा की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। 40 आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307, 188, 148, 149, 127, 171 व 332 के तहत दोषी माना गया है। अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और 6,500 रुपए के जुर्माना लगाया है। मामले में कुल 47 आरोपी थे, जिनमें से दो को बरी कर दिया गया है, जबकि 1 आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है। बाकी के आरोपी बाल अपचारी हैं।
दुबे ने जानकारी दी है कि 30 जुलाई 2014 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर के इमलीपुरा क्षेत्र में सुशील कुमार नाम के एक व्यक्ति की हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। जगह-जगह पथराव की घटना होने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 लागू की थी। वहीं शहर में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया था। एक अगस्त 2014 को खंडवा के घासपुर इलाके में निषेधाज्ञा लागू करने की कोशिश कर रही पुलिस की टीम पर पत्थरों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया था। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।