भोपाल। MP Nursing Colleges News : मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को लेकर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court)के निर्देश पर एक बड़ी कार्यवाही हुई है। जहां राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों की 2 हजार 697 माईग्रेट फैकल्टीज को अपात्र घोषित किया है। यानि नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ा रहे दूसरे राज्यों के शिक्षकों को अपात्र घोषित कर दिया है। इतना ही नहीं एक ही शिक्षक को अपने यहां पदस्थ बताने वाले 2 नर्सिंग कॉलेजों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है।
एमपी नर्सिंग काउंसिल ने पेश की जानकारी – MP News:
राज्य सरकार और एमपी नर्सिंग काउंसिल ने जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court ) में जवाब देते हुए ये जानकारी पेश की है। जिसके अनुसार नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार केवायसी KYC लागू करने पर काम कर रही है। MP News: आज मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि नर्सिंग काउंसिल की जिस रजिस्ट्रार सुनीता सिजु को हाईकोर्ट ने सस्पैंड करने के आदेश दिए थे उन्हें फिर से रजिस्ट्रार बना दिया गया है और नर्सिंग काउंसिल फर्जी कॉलेजों पर कार्यवाही करने की बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है। ऐसे में हाईकोर्ट ने मामले पर राज्य सरकार और एमपी नर्सिंग काउंसिल को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी ने भी पेश किया आवेदन — MP News:
इधर सुनवाई के दौरान एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी ने भी हाईकोर्ट में एक आवेदन पेश किया है जिसमें ग्वालियर बैंच में लंबित नर्सिंग कॉलेजों MP Nursing Colleges News से जुड़ी सभी याचिकाएं जबलपुर हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई है। मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 3 मई की तारीख तय कर दी है।
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आपको बता दें मध्यप्रदेश में चलाये जा रहे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को खंडपीठ को सूचित किया कि राज्य के बाहर के 2,697 “फैकल्टी” को नर्सिंग कॉलेजों MP Nursing Colleges News द्वारा नामावली में अपात्र घोषित किया गया है और प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जिसमें फैकल्टी के फर्जी आधार व पैन कार्ड नंबर के आधार पर मान्यता प्राप्त करने वाले दो कॉलेजों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। फर्जी नामांकन रोकने के लिए नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी के आधार सत्यापन का प्रस्ताव राज्य सरकार के प्रस्ताव के अधीन है।
क्या कहना है याचिताकर्ता का —MP News:
- आपको बता दें याचिकाकर्ता विशाल बघेल के अनुसार वर्ष 2021-22 में एमपी नर्सिंग काउंसिल ने प्रदेश के आदिवासी अंचलों में 55 नए नर्सिंग कॉलेज बनाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं के भौतिक सत्यापन के बाद अनुमति दी गई थी, लेकिन अधिकांश कॉलेज केवल कागजों पर ही चल रहे हैं। जिनमें से अधिकांश के पास तो स्व्यं का भवन भी नहीं है। न ही उनके पास नर्सिंग कॉलेज MP Nursing Colleges News चलाने के लिए आवश्यक प्रयोगशालाएं और अन्य सुविधाएं हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एमपी नर्सिंग काउंसिल से राज्य के सभी 453 नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
- मामले की पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 2022-23 में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों में से 20 में दो या दो से अधिक कॉलेजों में एक ही फैकल्टी कार्यरत है। एमपी नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने राज्य के बाहर के फैकल्टी को उनके आधार और पैन कार्ड के सत्यापन के बाद स्थायी प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया है। सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित दो कॉलेजों में एक ही फैकल्टी काम कर रही है। एक ही फैकल्टी के दो अलग-अलग आधार और पैन कार्ड भी कोर्ट में पेश किए गए थे।
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