MP NEWS: गुजरात में पार्टी की जबरदस्त जीत से उत्साहित बीजेपी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले ही चुनाव को लेकर शंखनाद कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा ने 2023 चुनाव को लेकर लक्ष्य रखा है कि विधानसभा की 230 सीटों पर 200 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलेगी। इसको लेकर बीजेपी ने ‘‘अबकी बार 200 पार’’ का नारा दिया है। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी दी है कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम जी ने शीतकालीन सत्र को लेकर आज शाम सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यानि विधानसभा के शीतकालीन सत्र की जल्द ही शुरूआत हो सकती है।
माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम जी ने आज शाम सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। pic.twitter.com/hKA88Jhv7i
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 18, 2022
शनिवार को कटनी में पार्टी की कार्यसमिति की बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पार्टी ने अगले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 51 फीसदी मत हासिल करने तथा 200 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी को गुजरात में 53 प्रतिशत वोट मिले थे और भारी जीत के साथ वहां फिर से इतिहास लिखा। मध्य प्रदेश में अबकी बार 200 पार का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेता मौजूद थे, पार्टी ने 200 से अधिक सीटें जीतने का संकल्प लिया।
आईटी सेल को मजबूत किया जाएगा
मिशन 2023 की तैयारियों के अंतर्गत अब भाजपा ने ग्रास रुट स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। अब तक रतलाम सहित उज्जैन संभाग में सुस्त पड़े अपने आईटी सेल को मजबूत किया जाएगा। इसमे पहली बार हर बूथ में कम से कम दो कार्यकर्ताओं को आईटी का तगड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। बूथ स्तर के कार्यकर्ता दिनभर सोशल मीडिया पर सजग रहेंगे व विपक्ष के प्रादेशिक से लेकर स्थानीय स्तर के हमले का जवाब देंगे।
बता दें कि पिछले 15 साल से मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है। हालांकि 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 41.02 प्रतिशत मत वोट मिले थे और महज 107 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। इस बार बीजेपी ने 50 फीसदी वोटों के साथ 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट पड़े थे और 114 सीटें हासिल हुई थी। वहीं बताते चलें कि 2018 में कांग्रेस ने गठबंधन करने सरकार बना ली थी। हालांकि सरकार बहुत कम समय तक ही चल सकी। सिंधिया के बीजेपी में शामिस होते है एक बार फिर से शिवराज सरकार प्रदेश में आ गई।