हाइलाइट्स
-
MP में MSP पर नहीं खरीदी जाएगी मूंग
-
किसानों का प्रदर्शन, सरकार से किए सवाल
-
‘किसानों को 5-6 हजार करोड़ रु का नुकसान’
MP Mung Kharidi 2025: मध्य प्रदेश में मूंग की सरकारी खरीदी (MSP पर खरीदी) न होने पर विवाद चल रहा है। किसान संगठन सरकार से मूंग की समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी शुरू करने की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर वे सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इससे राज्य के किसानों को 5-6 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।
यहां बता दें, मध्य प्रदेश देश में ग्रीष्मकालीन मूंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। ऐसे में सरकार द्वारा MSP पर मूंग न खरीदने का फैसला किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है। किसानों का आरोप है कि इस निर्णय के बाद बाजार में मूंग की कीमतें गिर गई हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।
किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई की कौन करेगा ?

भारतीय किसान संघ के राहुल धूत ने कहा, सरकार ने इस साल मूंग खरीदी ना करने का निर्णय लिया है। हर साल सरकार जो समर्थन मूल्य पर खरीदी करती है, वो इस बार नहीं करेगी। दुर्भाग्य की बात है सरकार इसका कारण मूंग में अत्याधिक रसायनों को इस्तेमाल मान रही है। हम सरकार से पूछना चाह रहे हैं कि यदि रसायनों का ज्यादा उपयोग हो रहा तो सरकार रसायन बेचने वाली कंपनियों को लाइसेंस क्यों दे रही है ? सारा ठिकरा किसानों के ऊपर क्यों फोड़ा जाता है? सरकार द्वारा मूंग नहीं खरीदने का फैसला किसानों के लिए काफी पीड़ादायक है। किसानों को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई कौन करेगा? और सरकार को ऐसा करना ही था तो सरकार इसका नोटिफिकेशन एक साल पहले जारी करती, जिससे किसान मूंग की फसल नहीं करते, उसकी जगह दूसरी फसल बोते। ऐन टाइम पर सरकार का यह निर्णय किसानों के साथ धोखा है और सरकार को इस पर विचार करना चाहिए कि किसानों को जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई कौन करे ?
किसान संगठन ने सरकार से किए सवाल
किसान संगठन ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल को एक मेल भेजा है, जिसमें सरकार से कई सवाल किए हैं।
- सरकार की किस लैब की जांच रिपोर्ट में मूंग और उड़द को जहरीला रसायन युक्त बताया गया है।
- खरपतवार नाशक पेस्टीसाइड किसान धान, गेंहू, चना या अन्य अनाज में भी प्रयोग करता है। क्या इनकी जांच में भी जहरीला रसायन पाया गया है।
- सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किया वादा 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी का कब पूरा करेगी सरकार ?
- सरकार किसानों को डीएपी उपलब्ध कराएगी या नहीं। क्या बिना खाद के ही किसान फसल पैदा करें ?
- सरकार घोषित एमएसपी पर फसल खरीदी करेगी या नहीं। मंडियों में एमएसपी पर खरीदी कब प्रारंभ होगी?
- क्या सरकार किसानों को परेशान कर जमीन छींनकर उद्योगपतियों को देना चाहती है ?
- किसानों के साथ मंडी में जारी लूट कब बंद होगी ?
- किसान को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य कब मिलेगा ?
- किसान को 10 घंटे थ्री फेस बिजली कब से मिलेगी ?
- हर किसान के खेत पर पानी नहरों से कब तक पहुंचेगा और नहरों की मरम्मत कब होगी ?
- आंध्रा, उड़ीसा राज्यों में खरपतवार नाशक ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध है। मध्यप्रदेश में कब प्रतिबंधित करेगी सरकार ?
किसान संगठनों ने कहा, सरकार 7 दिन में जवाब दे
मूंग खरीदी को लेकर किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर 7 दिन में सरकार जवाब नहीं देती है, तो वे सूचना का अधिकार (RTI), जनहित याचिका (PIL) और कानूनी कार्रवाई करेंगे। उनका आरोप है कि सरकार का यह फैसला SEBI नियमों, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) का उल्लंघन करता है।
खरीदी को लेकर मुख्यमंत्री स्टेटमेंट दे चुके हैं- वर्णवाल

कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि सरकार ने पहले ही मूंग की खरीदी करने से इनकार कर दिया हैं। यह तो सभी जगह माननीय मुख्यमंत्री के भी स्टेटमेंट थे। क्योंकि मूंग में किसान जो बीडी साइट डाल रहे हैं वो काफी परेशानी का सबब बना हुआ है। बावजूद इसके सरकार विचार कर रही है।
ये भी पढ़ें: मंत्रालय में प्रमोशन के पदों पर प्रतिनियुक्ति का विरोध: हर साल कम हो जाएंगे प्रमोशन के 49 मौके, एक चिंता और…
क्या है बीड़ी साइट?
बीड़ी साइट, जिसे खरपतवार नाशक भी कहा जाता है, एक ऐसा रसायन है जो मूंग की फसल में खरपतवारों को मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये मानव शरीर में जहर की तरह काम कर सकते हैं।
हमें X, Facebook, WhatsApp, Instagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
MP DPO Transfer: मध्यप्रदेश में 24 DPO के ट्रांसफर, जानें किसे कहां भेजा, देखें पूरी लिस्ट
MP DPO Transfer: मध्यप्रदेश में शुक्रवार, 6 जून को 24 जिला लोक अभियोजन अधिकारी (District Public Prosecution Officer) और अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारियों (Additional District Public Prosecution Officer) के ट्रांसफर किए गए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…