MP Deputy Collector Accident: मध्य प्रदेश के मुरैना में एक डिप्टी कलेक्टर की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना में डिप्टी कलेक्टर विकास कैमोर उनका ड्राइवर और सहायक घायल हो गए। उन्हें हल्की चोटें आई हैं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना पोरसा थाना क्षेत्र में हुई।
जानकारी के अनुसार, डिप्टी कलेक्टर विकास कैमोर भिंड के मिहोना में तहसीलदार के रूप में कार्यरत हैं। आज सुबह, वह किसी सरकारी कार्य के सिलसिले में संभागीय मुख्यालय मुरैना जा रहे थे। इसी दौरान, भिंड रोड पर पचौरी पुरा पेट्रोल पंप के निकट एक बुजुर्ग व्यक्ति अचानक उनकी गाड़ी के सामने आ गया। उसे बचाने के प्रयास में डिप्टी कलेक्टर की गाड़ी पलट गई।

राहगीरों की मदद से डिप्टी कलेक्टर को गाड़ी से बाहर निकाला
हादसे के पश्चात राहगीरों की सहायता से डिप्टी कलेक्टर, चालक और सहायक को वाहन से बाहर निकाला गया। इसके बाद, एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई।
डिप्टी कलेक्टर को ग्वालियर रेफर किया
प्राथमिक उपचार के पश्चात, उन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए मुरैना भेजा गया है। सूचना प्राप्त होते ही, भिंड और मुरैना प्रशासन की सहायता से उन्हें सीधे ग्वालियर में बेहतर उपचार के लिए ले जाया गया है।
पढ़ें, कैसे बनते हैं डिप्टी कलेक्टर
डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए, आपको पहले किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करनी होगी, फिर राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission – PSC) द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा (State Civil Services Exam) में सफलता प्राप्त करनी होगी, जिसमें प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार जैसे तीन चरण होते हैं।
जानें डिप्टी कलेक्टर बनने की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण…
शैक्षणिक योग्यता:
किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री आवश्यक है।
परीक्षा:
आपको राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा (State Civil Services Exam) में भाग लेना होग।
परीक्षा के चरण:
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam): यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होती है और इसमें सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान, और अन्य विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
मुख्य परीक्षा (Main Exam): यह परीक्षा वर्णनात्मक प्रकार की होती है और इसमें सामान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन, और अन्य विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
साक्षात्कार (Interview): मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद, आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
प्रशिक्षण:
परीक्षा में सफल होने के बाद, आपको एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना पड़ता है।
नियुक्ति:
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, आपको डिप्टी कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- डिप्टी कलेक्टर राज्य सरकार के अधीन काम करते हैं।
- डिप्टी कलेक्टर का कार्यक्षेत्र अलग-अलग होता है, जैसे कि राजस्व, कानून-व्यवस्था, विकास, आदि.
- डिप्टी कलेक्टर को जिले में प्रशासन और कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है।
- डिप्टी कलेक्टर का पद एक महत्वपूर्ण सरकारी पद है।