MP Monsoon Update: मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में इस साल मानसून की एंट्री 10 मई के बाद होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून (MP Monsoon Update) के आगमन के 3-4 दिन बाद तक भारी बारिश का दौर रहेगा, जिसके बाद बारिश की तीव्रता कम हो जाएगी। हालांकि, हल्की-फुल्की बारिश लगातार जारी रह सकती है।
बंगाल की खाड़ी से प्रवेश करेगा मानसून
मध्य प्रदेश में मानसून बंगाल की खाड़ी (बे ऑफ बंगाल) की ओर से प्रवेश करेगा। इसका सबसे पहला प्रभाव जबलपुर संभाग, नर्मदापुरम संभाग और इंदौर संभाग के कुछ हिस्सों में देखने को मिलेगा। धीरे-धीरे यह पूरे राज्य में फैल जाएगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून (MP Monsoon Update) सामान्य रहेगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है।
गर्मी और उमस का सिलसिला जारी
मानसून (MP Monsoon Update) के आने से पहले तक प्रदेश के कई हिस्सों में गर्मी और उमस रहेगी। अगले कुछ दिनों में तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। हालांकि, मानसून की शुरुआत के साथ ही तापमान में गिरावट आएगी, लेकिन उमस भरी गर्मी का असर बना रह सकता है।
कैसा रहेगा 30 मई का मौसम ?
30 मई 2025 के लिए भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र (MP Monsoon Update) के अनुसार, हल्के हरे रंग में दिखाए गए जिले वे हैं जहाँ “सिर्फ कुछ स्थानों पर वर्षा” (Rainfall at Isolated Places) की संभावना है। इन जिलों में मुरैना, भिंड, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, देवास, बड़वानी समेत कई जिले शामिल हैं। वहीं, गहरे हरे रंग में दिखाए गए जिले सागर, दमोह, नरसिंहपुर, सिवनी और बालाघाट के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। इसके अलावा बाकी के जिले सूखे रहेंगे।
31 मई को यहां होगी बारिश
31 मई (शनिवार) को मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, राजगढ़, भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढुर्ना, बालाघाट, मंडला, अनूपपुर, सीधी और सिंगरौली के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश (MP Weather Update) की संभावना जताई गई है।
कहां तक पहुंचा मानसून?
दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से 8 दिन पहले 24 मई को केरल पहुंचा। ऐसा 16 साल बाद हुआ था। 2009 में 23 मई को केरल पहुंचा था। मुंबई में बारिश (MP Monsoon Update) लाने वाला सिस्टम 16 दिन पहले ही एक्टिव हो गया। यह 1950 के बाद से सबसे जल्दी है।
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल पहुंचता है। 11 जून तक मुंबई और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। इसकी वापसी उत्तर-पश्चिम भारत से 17 सितंबर को शुरू होती है और यह पूरी तरह 15 अक्टूबर तक लौट जाता है।
भारत में इस बार मानसून (MP Monsoon Update) जल्दी पहुंचने की मुख्य वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बढ़ी हुई नमी है। समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा रहा, जिससे मानसूनी हवाएं तेजी से सक्रिय हुईं।
पश्चिमी हवाओं और चक्रवातों की हलचल ने भी मानसून को आगे बढ़ने में मदद की। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन भी मौसम के पैटर्न में बदलाव की एक बड़ी वजह बन रहा है।
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