MP Monsoon 2024 Prediction: ग्रहों की चाल हर समय बदलती है। जून में भी ये भी नौ ग्रहों की चाल में बड़ा बदलाव हुआ है। जी हां ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन कर मिथुन राशि में प्रवेश (Surya Gochar Mithun 2024) कर गए हैं।
उनके साथ ग्रहों के राजकुमार बुध (Budh Surya Yuti) भी साथ बैठे हैं। आपको बता दें इसका असर विभिन्न जातकों के साथ-साथ मौसम पर भी पड़ेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग (Budhaditya Yog June 2024) बन गया है। जिसका असर विभिन्न राशियों पर तो पड़ेगा ही साथ ही साथ इसका असर मौसम (Budhaditya Yog Effect on Monsoon) पर भी पड़ेगा।
जानते हैं इस बार ज्योतिषीय गणित मध्यप्रदेश के मौसम (Madhya Pradesh ka Mausam) को लेकर क्या संकेत दे रहे हैं।
आद्रा नक्षत्र में स्त्री-पुरुष योग
बारिश के लिए 10 नक्षत्र (Barish ke Nakshatra) होते हैं। इन नक्षत्रों में बनने वाले योगों के आधार पर ही अच्छी बारिश का अनुमान (Monsoon Prediction 2024) लगाया जाता है। बारिश के पहले नक्षत्र में आद्रा नक्षत्र में इस बार स्त्री पुरुष योग बन रहा है। ज्योतिष में स्त्री पुरुष योग होने पर अच्छी बारिश मानी जाती है। जबकि पुरुष पुरुष या स्त्री-स्त्री योग होने पर अल्प बारिश के योग माने जाते हैं।
कितने होते हैं बारिश के नक्षत्र
ज्योतिष में बारिश के लिए कुछ खास नक्षत्र होते हैं। इसमें पहला नक्षत्र आद्रा नक्षत्र (Ardra Nakshatra 2024) होता है। जानते हैं इस बार के नक्षत्र में कौन—कौन से योग बनने वाले हैं।
आद्रा नक्षत्र 22 जून से 6 जुलाई तक
स्त्री-पुरुष योग
पुनर्वसु नक्षत्र 6 जुलाई से 20 जुलाई तक
स्त्री-स्त्री योग
पुष्य नक्षत्र 20 जुलाई से 5 अगस्त
स्त्री-पुरुष योग
अश्लेषा नक्षत्र 5 अगस्त से 20 अगस्त
मघा नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
उत्तरा नक्षत्र
5 सितंबर से 20 सितंबर
हस्त नक्षत्र
हस्त नक्षत्र में सूर्य के आने पर बारिश की विदाई हो जाती है।
कौन से होते हैं जल चर नक्षत्र
ज्योतिष में कुछ नक्षत्र ऐसे होते हैं जो बारिश कराने के लिए उत्तरदायी होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र जलचर नक्षत्र कहलाते हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। यदि इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग बनता है तो खंड बारिश की आशंका होती है। खंड बारिश यानी कम बारिश के योग बनते हैं।
बीते साल आद्रा नक्षत्र में बना था ये योग
बीते साल की बात करें तो ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार आद्रा नक्षत्र (Ardra Nakshatra 2024) में स्त्री-स्त्री योग बना था। जिसने कम बारिश कराई थी। लेकिन जब स्त्री-पुरुष योग बनता है तो इस दौरान बारिश अच्छी मानी जाती है। यही कारण है कि इस बार आद्रा नक्षत्र में बन रहा स्त्री-पुरुष योग अच्छी बारिश के संकेत दे रहा है।
इस साल मध्यप्रदेश में कैसी होगी बारिश
ज्योतिष के अनुसार मध्यप्रदेश की राशि सिंह है। सिंह राशि (Singh Rashi) का स्वामी सूर्य (Sun) है। यानी सूर्य और सिंह की मित्रता है। तो वहीं इस साल का राजा मंगल (Mangal) है। मंगल और सूर्य की मैत्री अच्छी है। ऐसे में मध्यप्रदेश में इस बार अच्छी बारिश के आसार (Madhya pradesh ki Barish) हैं।
भूमि पुत्र मंगल के आशीर्वाद से खिलेंगे किसानों के चेहरे
हिन्दू नववर्ष (Hindu Nav Varsha) के अनुसार इस साल का राजा मंगल है। मंगल भूमि पुत्र हैं। जो इस बार उत्पाद प्रकृति तो दर्शाएंगे। लेकिन इसी के साथ आंधी तूफान की बारिश के साथ बारिश होने के बावजूद किसानों को फायदा पहुंचाएंगे। यानी इस बार फसल अच्छी होगी जो अन्नदाता को खुश करेगी।
सूर्य इस दिन करेंगे आद्रा नक्षत्र में प्रवेश
ज्योतिषाचार्य पंंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल सूर्य 22 जून 2024 को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जो 15 दिन तक इसी में रहेंगे। आद्रा नक्षत्र में सूर्य का गोचर काल 22 जून से 5 जुलाई तक रहेगा। यानी इन 15 दिनों में अच्छी बारिश के आसार हैं।
15 दिन के लिए होगी खंड बारिश
सूर्य आद्रा के बाद जब पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तो इस दौरान एक बार फिर खंड बारिश के योग बनेंगे। क्योंकि इस दौरान स्त्री—स्त्री योग बनेगा। इस योग में कम बारिश होती है।
22 जून से बड़ा बदलाव
आईएमडी (IMD) यानी मौसम विभाग (Mausam Vibhag) के अनुसार मध्यप्रदेश में मानसून (MP Monsoon 2024) 20 से 22 जून के बीच दस्तक देगा। यानी इस दिन से एमपी में अच्छी बारिश शुरू हो जाएगी। भोपाल मौसम केंद्र के अनुसार पहले एमपी (MP Weather) में मानसून 17—18 जून को आने वाला था। लेकिन फिलहाल दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर चक्रवाती परिसंचरण बना है। ये चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर मध्य समुद्र तल से 1.5 और 5.8 किमी की ऊंचाई के बीच सक्रीय है। जिसके चलते एमपी में मानसून में देरी हो गई है।
क्या होता है स्त्री-पुरुष, स्त्री-स्त्री योग
ज्योतिष में हर ग्रह का एक नेचर होता है। कुछ ग्रह स्त्री वाचक तो कुछ पुरुष वाचक होते हैं। आद्रा नक्षत्र का स्वामी बुध होता है। जो स्त्री ग्रह है। इसे नपुंसक ग्रह भी कहा जाता है। तो वहीं सूर्य पुरुष ग्रह है। इस तरह जब स्त्री पुरुष ग्रह का योग बनता है तो इसे स्त्री पुरुष योग कहा जाता है।
स्त्री-स्त्री नहीं करते मोहित
प्राकृतिक नेचर के अनुसार जब स्त्री-स्त्री योग बनता है तो वे एक दूसरे को आकर्षित नहीं करते। जबकि विपरीत योग होने पर पर बारिश के योग अच्छे बनते हैं।
चंद्र-चंद्र योग खंड बारिश कराएगा
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार पंचांग में चंद्र चंद्र योग है। चंद्र एक स्त्री ग्रह है। इसका योग खंड बारिश के संकेत देता है।
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