Indore Lok Sabha Chunav Result: इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के चुनाव से पहले पाला बदलने से पहले ही बीजेपी की राह आसान हो गई थी। इस सीट पर जनता की दिलचस्पी ये जानने में थी की नोटा को कितने वोट मिलेंगे। कांग्रेस ने यहां बीजेपी को सबक सिखाने के मकसद से NOTA का जमकर प्रचार किया। इंदौर में कांग्रेस की अपील का अच्छा असर गहरा हुआ। नोटा को 2 लाख 18 हजार 674 वोट मिले।अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी ही इस क्षेत्र में जीत का झंडा गाड़ सकती है।
13 मई को हुई थी वोटिंग
बता दें कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को मतदान हुआ था। इस दौरान 15 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
कांग्रेस ने नहीं मानी हार
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस ने नोटा का खूब प्रचार-प्रसार किया। इस दौरान कांग्रेस ने इसे ‘लोकतंत्र का गला घोंटना’ बताया। वहीं, इंदौर में कांग्रेस ने पूरे प्रचार के दौरान वोटर्स से बीजेपी को सबक सिखाने के लिए ईवीएम पर नोटा दबाने के लिए अपील की थी।
ये है लालवानी की जीत की मुख्य वजह
शंकर लालवानी की जीत के 3 मुख्य फैक्टर बताए जा रहे हैं। पहला ये कि शंकर लालवानी, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के खेमे से हैं। वहीं, दूसरे फैक्टर की बात करें तो, वे सिंधी समाज से हैं। इसके अलावा मुख्य फैक्टर है कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेना।
2019 में लोकसभा चुनाव जीते थे लालवानी
बीजेपी ने साल 2019 में शंकर लालवानी को टिकट दिया था। इस दौरान लालवानी इंदौर से 17वीं लोकसभा में जीतकर संसद सदस्य बने थे। इससे पहले लालवानी ने इंदौर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष का पद भी संभाला था।
साल 2019 में लालवानी ने कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार 754 वोटों के अंतर से हराया था।
शंकर लालवानी को जानिए
शंकर लालवानी का जन्म 16 अक्टूबर 1961 में हुआ था। शंकर लालवानी के पिता जमनादास लालवानी अखंड भारत के विभाजन से पहले इंदौर आए थे। यहां आने के बाद वे इंदौर आकर भी आरएसएस (RSS) में सक्रिय थे। साल 1994 से 1999 तक लालवानी इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे। इसके बाद वे 1999 से 2004 तक 5 साल तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे। साल 2013 में लालवानी इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बने।
पिछले 5 चुनाव का ये रहा रिजल्ट
2019- इंदौर में साल 2019 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस दौरान शंकर लालवानी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5 लाख 47 हजार 754 वोटों के अंतर से हराया था।
2014- इंदौर में सुमित्रा महाजन (ताई) आठवीं बार सांसद बनी थीं। लोकसभा चुनाव 2014 में सुमित्रा महाजन ने अपने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 4 लाख 66 हजार 901 मतों से हराया था।
2009- साल 2009 में पहली बार महाजन को टिकट दिए जाने के विरोध में आवाजें उठीं थीं। इस दौरान पहली बार ही ऐसा हुआ था कि ताई और भाई (कैलाश विजयवर्गीय) की जंग खुलकर सामने आई थी। हालांकि, बीजेपी ने ताई को ही टिकट दिया था। इस दौरान महाजन कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल से 11 हजार वोट से जीती थीं।
2004 : इस चुनाव में भी बीजेपी ने इंदौर से महाजन को ही मैदान में उतारा था। महाजन ने कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस दौरन महाजन लगभग दो लाख वोटों से चुनाव जीतीं थीं।
1999 : साल 1999 में बीजेपी ने सुमित्रा महाजन, तो कांग्रेस ने दिग्गज नेता महेश जोशी को टिकट दिया था। इस चुनाव में महाजन ने जोशी को सवा लाख के बड़े अंतर से पराजित किया था।