MP Lok Sabha Chunav Final Result 2024: अबतक की काउंटिंग के मुताबिक मध्यप्रदेश में पहली बार बीजेपी का मिशन-29 पूरा हो गया है। करीब 27 साल बाद छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीतकर बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। 1980 से 2024 तक हुए 12 चुनावों में यह पहली बार है, जब एमपी की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी, फतेह हासिल करने की ओर बढ़ रही है। इससे पहले साल 1984 में कांग्रेस ने अविभाजित मध्यप्रदेश की सभी 40 सीटों पर कब्जा जमाया था। अब 40 साल बाद प्रदेश में बीजेपी ने क्लीन स्वीप करने जा रही है।
बीजेपी के क्लीन स्वीप की बड़ी वजह
बीजेपी का बड़ी जीत की तरफ बढ़ना अचानक नहीं हुआ। दरअसल पहले तो पार्टी ने इंदौर, भोपाल जैसी सीटों को अपना गढ़ बनाया। फिर 1996 के बाद जबलपुर, मुरैना और सागर जैसी सीटों को भी अभेद किले में तब्दील कर दिया। इसके बाद कांग्रेस कभी भी इन सीटों पर बीजेपी को नहीं हरा पाई।
सतना और बालाघाट जैसी सीटों पर तो 1998 के बाद बीजेपी लगातार काबिज होती रही।
विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश में मोदी मैजिक चला। एमपी के वोटर्स ने मोदी के चेहरे पर वोट किया। विधानसभा चुनाव के बाद आम चुनाव में भी मोदी लहर कायम रही। इस चुनाव में भी बीजेपी के तमाम नेताओं ने दावा किया कि,मोदी के मन में MP है तो MP के मन में भी मोदी है।
राम मंदिर का मुद्दा अयोध्या में भले ही फेल हो गया लेकिन मध्यप्रदेश में बखूबी काम किया। बीजेपी प्रदेश के मतदाताओं तक ये बात पहुंचाने में कामयाब रही कि मोदी सरकार ने ही राम मंदिर बनवाया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रचार में राम मंदिर का मुद्दा प्रमुखता से उठाया
टॉप-3 में लालवानी, शिवराज, सिंधिया
इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने देश में सबसे बड़ी जीत दर्ज की। लालवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 वोट से जीत हासिल की। वहीं विदिशा से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 लाख 20 हजार 868 वोटों से जीत हासिल की है।
गुना में बीजेपी प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख 41 हजार वोटों की लीड ली है। अभी तक की काउंटिंग के मुताबिक प्रदेश में बीजेपी की ये 3 सबसे बड़ी जीत है।
राजगढ़ में नहीं बची दिग्गी की साख
मध्य प्रदेश की हॉट सीट राजगढ़ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए। ये चुनाव दिग्विजय सिंह का आखिरी चुनाव था। राजगढ़ से मौजूदा सांसद रोडमल नागर ने इस सीट पर पर फतेह हासिल कर जीत की हैट्रिक पूरी की।
इससे पहले 2019 में दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव हारे थे। अभी तक की काउंटिंग के मुताबिक दिग्विजय सिंह करीब 136021 वोट से पीछे चल रहे हैं। वहीं रोडमल नागर ने निर्णायक बढ़त बना ली है।
27 साल बाद ढहा कमलनाथ का गढ़
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतकर बीजेपी ने आखिरकार अपना मिशन-29 पूरा कर लिया। 27 साल बाद कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी ने फतेह हासिल की। अभी तक की काउंटिंग के मुताबिक बीजेपी प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने 113618 वोट की निर्णायक बढ़त बना ली है।
छिंदवाड़ा सीट पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही थी। इस सीट पर एमपी के पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कुल 79.59% मतदान हुआ था। इस सीट से नकुल नाथ ने दूसरी बार मैदान में थे, लेकिन वो जीत हासिल करने में कामयाब नहीं रहे।
इंदौर में NOTA ने तोड़ा रिकॉर्ड
इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के चुनाव से पहले पाला बदलने से पहले ही बीजेपी की राह आसान हो गई थी। इस सीट पर जनता की दिलचस्पी ये जानने में थी की नोटा को कितने वोट मिलेंगे।
कांग्रेस ने यहां बीजेपी को सबक सिखाने के मकसद से NOTA का जमकर प्रचार किया। इंदौर में कांग्रेस की अपील का अच्छा असर गहरा हुआ। नोटा को 2 लाख 18 हजार 674 वोट मिले।अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी ही इस क्षेत्र में जीत का झंडा गाड़ेगी।
विदिशा में कायम शिवराज का वर्चस्व
विदिशा लोकसभा सीट पर एक बार फिर बीजेपी ने बाजी मारी। बीजेपी के प्रत्याशी और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रतापभानु शर्मा को 5 लाख से ज्यादा वोटों से मात दी।
विदिशा सीट पर एमपी के तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कुल 74.48% मतदान हुआ था। बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान 6वीं बार विदिशा से सांसद बने हैं। पूर्व सीएम इस सीट से 1991 में पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद से वह 2004 तक यहां से सांसद चुने जाते रहे हैं।
खजुराहो में वीडी शर्मा की एकतरफा जीत
खजुराहो लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भारी मतों से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। सपा का पर्चा रद्द होने से यहां पर मुकाबला एकतरफा हो गया था। ऐसे में वीडी शर्मा की राह बेहद आसान हो गई थी। अभी तक की काउंटिंग में वीडी शर्मा इस सीट पर 541229 वोटों की निर्णायक बढ़त ले चुके हैं।
वीडी शर्मा की राजनीतिक शुरूआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई। उन्हें 1993-94 में ग्वालियर विभाग प्रमुख बनाया गया। इसके बाद उज्जैन में विभाग संगठन मंत्री। फिर मध्य भारत का प्रदेश मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2001-2005 तक उन्होंने राष्ट्रीय मंत्री का पद संभाला। साल 2007-2009 राष्ट्रीय महामंत्री का पदभार ग्रहण किया। फिर 2013 में उनकी एंट्री बीजेपी में हुई।
पहली बार सांसद बनीं अनीता चौहान
लोकसभा चुनाव 2024 में रतलाम सीट पर बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज करती दिख रही है। अभी तक की काउंटिंग में अनीता चौहान इस सीट पर 206528 वोटों की निर्णायक बढ़त ले चुकी हैं। रतलाम लोकसभा सीट इसबार के चुनाव में चर्चा का विषय बनी रही। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया का झाबुआ-रतलाम में जादू नहीं चल पाया।
रतलाम सीट पर एमपी के चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कुल 72.86% मतदान हुआ था। इससे पहले 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से गुमान सिंह डामोर को इस सीट से टिकट दिया था, जिसके बाद उन्होंने कांतिलाल भूरिया को 90 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी।
कांग्रेस की हसरत पूरी नहीं कर पाए कमलेश्वर
लोकसभा चुनाव 2024 में सीधी सीट पर बीजेपी ने फिर बाजी मारी है। BJP प्रत्याशी राजेश मिश्रा अभी तक की काउंटिंग में कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल पर 205593 वोटों की निर्णायक बढ़त बनाए हुए हैं। आपको बता दें कि इस सीट पर 1998 से बीजेपी का कब्जा है। सीधी सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया था।
सीधी सीट पर एमपी के पहले चरण में 19 अप्रैल मई को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कुल 56.50% मतदान हुआ था। बीजेपी ने पहली बार राजेश मिश्रा को टिकट दिया था।
फिर बीजेपी की झोली में गिरा ग्वालियर
लोकसभा चुनाव 2024 में ग्वालियर लोकसभा सीट एक बार फिर बीजेपी की झोली में गिरी है। अभी तक की काउंटिंग में बीजेपी प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह, कांग्रेस के प्रवीण पाठक से 69705 वोटों से आगे चल रहे हैं।
ग्वालियर सीट से इस बार भाजपा ने पहली बार भरत सिंह कुशवाह चुनावी मैदान में उतारा था। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले तीन लोकसभा चुनाव में यहां से तीन नए चेहरों पर दांव लगाया था और तीनों बार ग्वालियर की जनता ने उनको चुनकर दिल्ली भेजा था।
सतना के त्रिकोणीय मुकाबले में BJP ने मारी बाजी
लोकसभा चुनाव 2024 में सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी रोमांचक जीत दर्ज की। बीजेपी प्रत्याशी गणेश सिंह ने कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाह को 84 हजार 949 वोटों से जीते हैं। सतना लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कमल खिल गया है। सतना सीट पर एमपी के तीसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कुल 60.37% मतदान हुआ था।
मध्य प्रदेश के सतना सीट से भारतीय जनता पार्टी ने गणेश सिंह को मैदान में उतारा था, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिया था। चुनावी रैलियों में दोनों ही पार्टियां ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन आखिर में जीत बीजेपी के गणेश सिंह को मिली।
मुरैना में उलटफेर नहीं कर पाई कांग्रेस
लोकसभा चुनाव 2024 में मुरैना लोकसभा सीट पर फिर एक बार बीजेपी ने निर्णायक बढ़त बना ली है। बीजेपी प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर, कांग्रेस के सत्यपाल सिंह सिकरवार से 51 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। मुरैना लोकसभा सीट इस बार के चुनाव में चर्चा का विषय बनी रही।
इस सीट पर मध्यप्रदेश के तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग हुई थी। मुरैना लोकसभा सीट पर कुल 58.22% मतदान हुआ था। मुरैना लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Result 2024) से बीजेपी ने चुनावी मैदान में इस बार शिवमंगल सिंह तोमर को उतारा था।
भोपाल में बीजेपी की बंपर जीत
आलोक शर्मा 1994 में भोपाल नगर निगम में पार्षद चुने गए थे और जनता के समर्थन के साथ ही वह 2015 से 2020 तक महापौर बने। पिछले साल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उनको उत्तर क्षेत्र से भी मौका दिया था। हालांकि, उनको हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि अब लोकसभा चुनाव जीतकर वे संसद पहुंचेंगे.
जबलपुर में नहीं टूटा 28 साल का तिलिस्म
जबलपुर संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी आशीष दुबे ने 4 लाख 86 हजार 674 वोटों से जीत दर्ज की है। जबलपुर लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Result 2024) पर इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच में था. जिसमें कांग्रेस के दिनेश यादव को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को चुनाव हुए थे. जिसमें कुल 61.00% वोटिंग हुई थी.
आशीष दुबे भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं. वे भाजपा ग्रामीण के संगठन अध्यक्ष भी रहे हैं. आशीष दुबे ने अपने एफिडेविट में किसानी को ही अपना पेशा बताया है. वे इस चुनाव में जीत के साथ पहली बार संसद जाएंगे.