Pithampur Union Carbide Waste: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा कि 27 फरवरी को पहले चरण में 10 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाएगा।
इसके बाद इसी मात्रा के दो और चरण पूरे किये जायेंगे। तीनों चरणों के बाद परिणाम रिपोर्ट 27 मार्च तक अदालत में पेश की जाएगी। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य संबंधित एजेंसियों के गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
कोर्ट में बहस का दौर
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ ने कहा कि हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कचरे के निस्तारण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन राज्य सरकार उनका पालन करने और रिपोर्ट पेश करने को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है।
जलाने से नहीं होगा कोई नुकसान
सीनियर एडवोकेट के जवाब में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के पिछले आदेशों के अनुसार जन जागरूकता फैलाने के लिए काफी काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्चे बांटे गए, नुक्कड़ नाटक किए गए तथा नगर निगम और जिला प्रशासनिक स्तर पर चर्चाएं आयोजित की गईं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर पहुंच चुका है और इसे वैज्ञानिक तरीके से जलाने से स्थानीय पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट का मामला
सुनवाई के दौरान यह भी दलील दी गई कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह अपने पिछले आदेशों के अनुपालन के संबंध में सुनवाई कर रहा है और राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उसका उद्देश्य मामले को सुलझाना है, उसे जटिल बनाना नहीं।
स्थानीय लोगों की चिंताएं
यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट का निपटान लंबे समय से विवादास्पद रहा है। इस अपशिष्ट के संबंध में पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के बाद से जारी हैं। पीथमपुर में ट्रायल रन को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
आगे की कार्रवाई
पहला ट्रायल रन 27 फरवरी को होगा, जिसमें 10 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाएगा। इसके बाद कचरे का निपटान दो और चरणों में किया जाएगा। तीनों चरणों की रिपोर्ट 27 मार्च तक कोर्ट में पेश की जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
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