हाइलाइट्स
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जबलपुर लोकायुक्त ने की कार्रवाई
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सरपंच को 10 हजार रुपए लेते दबोचा
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संकुल प्राचार्य 4 हजार रुपए लेते गिरफ्तार
MP Jabalpur Corruption: जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार, 8 मई को भ्रष्टाचार के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए एक सरपंच और एक संकुल प्राचार्य को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। पहली कार्रवाई में ग्राम पंचायत डूडी के सरपंच गोपीचंद कोल को 10 हजार रुपए की घूस लेते पकड़ा, जबकि दूसरी कार्रवाई में शासकीय हाई स्कूल मोहास बरगी में पदस्थ संकुल प्राचार्य जिनेश कुमार जैन को 4 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
सरपंच ने पात्रता पर्ची बनाने रिश्वत मांगी
ग्राम पंचायत डूडी, मझौली की धनिया बाई पटेल के पति का दो साल पहले निधन हो गया था। शासन की संबल योजना के तहत उन्हें दो लाख रुपए की मदद मिलनी थी, जिसके लिए विधवा पेंशन और राशन पात्रता पर्ची की जरूरत थी। ये दस्तावेज सरपंच द्वारा बनाए जाते हैं।
सरपंच ने 35 हजार रुपए मांगे थे
धनिया बाई कई दिनों से सरपंच गोपीचंद कोल के घर जा रही थीं, लेकिन वह हर बार टालते रहे। 5 मई को जब वह फिर से गईं, तो सरपंच ने पर्ची के लिए 35 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। अगले दिन महिला ने जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में इसकी शिकायत की, और जांच में आरोप सही पाए गए।
गुरुवार को धनिया बाई ने केनरा बैंक, धनगंवा शाखा के पास सरपंच को रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर 10 हजार रुपए दिए, तभी लोकायुक्त की टीम ने गोपीचंद कोल को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B), 13(2) के तहत कार्रवाई की गई।
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प्राचार्य ने क्रमोन्नति फाइल आगे बढ़ाने मांगी रिश्वत
लोकायुक्त टीम ने शासकीय हाई स्कूल मोहास बरगी के संकुल प्राचार्य जिनेश कुमार जैन को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। शिक्षक मदन सिंह पंद्रो ने शिकायत की थी कि 12 साल की सेवा के बाद उन्हें पदोन्नति मिलनी थी, लेकिन प्राचार्य ने फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 5 हजार रुपए की मांग की।
8 मई को लोकायुक्त टीम ने शास्त्री नगर के सगड़ा चौराहा पर संकुल प्राचार्य जिनेश कुमार जैन को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा, और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
पन्ना, छतरपुर, दमोह के 67 गांवों का जोनल मास्टर प्लान: टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन की 11 महीने बाद हुई पहली बैठक
Panna Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन (Eco Sensitive Zone) में पन्ना, छतरपुर और दमोह जिलों के 67 गांवों के लिए एक जोनल मास्टर प्लान बनाया जाएगा। यह काम एक साल में पूरा होगा। टाइगर रिजर्व इको सेंसिटिव जोन घोषित होने के 11 महीने बाद हुई पहली बैठक में यह तय किया गया कि प्रस्तावित जोन में लैंड यूज एरिया की स्थिति को स्पष्ट किया जाएगा। इसमें सभी प्रकार की व्यवसायिक खनन गतिविधियों पर रोक और नए उद्योगों की स्थापना पर भी पाबंदी रहेगी। नेशनल पार्क के एक किलोमीटर के दायरे में ही होटल और रिसॉर्ट चलाए जा सकेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…