MP Farmers Fined: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने पराली (फसल अवशेष) जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन मामलों में किसानों पर बड़ा जुर्माना लगाया गया है, साथ ही खेत मालिकों के खिलाफ केस दर्ज करना शुरू कर दिया है। प्रशासन ने चार दिनों में 770 किसानों पर 16.71 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
चार दिनों में 770 किसानों पर जुर्माना लगा
जिलाधिकारी आशीष सिंह ने मीडिया को बताया, “हम खेतों में पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि आस-पास के गांवों में पराली जलाने से इंदौर की हवा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जो कि देश के सबसे साफ शहरों में से एक है। प्रशासन के एक अन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि पिछले चार दिनों में जिले में पराली जलाने के मामले में 770 किसानों पर कुल 16.71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
लोगों को नुकसान से बचाने के लिए एक आदेश जारी
जिलाधिकारी ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत एक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। अधिकारी ने कहा, “यह आदेश पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय, जनजीवन और जीव-जंतुओं के नुकसान को रोकने के लिए है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर जिले में संबंधित खेत मालिकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
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लग सकता है 5,000 रुपए तक का जुर्माना
इस कानून के तहत, दोषी को एक साल तक की जेल या 5,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों में से कोई भी सजा मिल सकती है। इस बीच, पराली जलाने वाले किसानों पर भारी जुर्माना लगाने के खिलाफ कृषक संगठन विरोध कर रहे हैं। पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा, “हम मानते हैं कि खेतों में पराली जलाना गलत है, लेकिन किसानों पर अचानक इतना बड़ा जुर्माना लगाना भी सही नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों को गांवों में जाकर पराली नष्ट करने के लिए अन्य उपाय करने चाहिए।
BRC अधिकारी 5 हजार की घूस लेते पकड़ाया: मिड-डे मिल और कंटीजेंसी फंड ऑडिट के नाम पर मांग रहा था 15 हजार रुपए
MP News: भोपाल लोकायुक्त पुलिस टीम ने गुरुवार को नर्मदापुरम जिले में विकास खंड स्त्रोत समन्वयक (BRC) केसला को 5000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। कृष्णकुमार शर्मा नाम के इस अधिकारी ने क्षेत्र के स्कूलों से मध्याह्न भोजन (Midday Meal) और कंटीजेंसी फंड के ऑडिट के नाम पर 15,000 रुपए की मांग कर रहा था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…