MP News: एमपी के इंदौर में पति पत्नी और वो के एक मामले में अदालत ने रेप केस में आरोपी शादीशुदा प्रेमी को बरी किया है. दरअसल 3 साल पहले एक प्रेमिका ने अपने शादीशुदा प्रेमी के पर रेप गर्भपात और जान से मारने की धमकी देने के मामले में केस दर्ज कराया था. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी प्रेमी को एक एग्रीमेंट के आधार पर बरी कर दिया. यह एग्रीमेंट केस दर्ज होने के कुछ दिन पहले का है.
एग्रीमेंट में 7 दिन पत्नी 7 दिन प्रेमिका के साथ रहने की थी शर्त
आरोपी प्रेमी ने एक एग्रीमेंट कराया था जिससे पता चला कि युवती ये बात पहले से जानती है कि उसका प्रेमी शादीशुदा है. प्रेमिका को ये भी पता था कि उसकी एक संतान भी है. एग्रीमेंट के आधार पर प्रेमिका सबकुछ जानकर और गर्भपात कराए जाने के बावजूद उसके साथ रहने के लिए तैयार थी.
एग्रीमेंट में ये भी लिखा था कि प्रेमी 7 दिन अपनी पत्नी और 7 दिन उसके साथ रहेगा. इसके बाद प्रेमिका ने एफआईआर दर्ज कराई थी. अब कोर्ट ने इसी एग्रीमेंट को आधार मानकर आरोपी को बरी कर दिया. ये फैसला जिला सत्र न्यायालय ने 25 अप्रैल को सुनाया था. जिसके ऑर्डर की कॉपी सोमवार को सामने आई है.
ये है पूरा मामला
29 साल की प्रेमिका ने 27 जुलाई 2021 को भंवरकुआं थाने में अपने प्रेमी चंद्रभान पंवार (34) के खिलाफ शिकायत की थी. जिसमें उसने दुष्कर्म, गर्भपात और धमकाने के आरोप लगाए थे. युवती ने पुलिस को बताया कि आरोपी चंद्रभान को वह 2019 से जानती है. 2020 में तक उसे पता नहीं था कि वह पहले से शादीशुदा है.
25 अप्रैल 2021 को आरोपी ने उसे एक हॉस्टल में बुलाया और शारीरिक संबंध बनाए. जिससे वह गर्भवती हो गई. जब मैंने शादी के लिए कहा तो प्रेमी ने केवल आश्वासन दिया. एक दिन विटामिन की गोली बताकर गर्भपात की गोली खिला दी. झगड़े के बाद आखिरकार उसने कबूला कि वह शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है. इसलिए शादी नहीं कर सकता.
पुलिस ने केस दर्ज किया गिरफ्तार
महिला की शिकायत पर पुलिस केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. अब कोर्ट में इस केस की सुनवाई में नया मोड़ सामने आया. सुनवाई में पता चला की 15 जून 2021 को एक एग्रीमेंट हुआ था. जिसमें इसमें आरोपी ने कहा था कि वह शादीशुदा है और युवती को जानता है. 2 साल से रिलेशन में है. कोर्ट ने माना कि एग्रीमेंट से साफ होता है कि आरोपी और पीड़िता लिव इन रिलेशन में थे.
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कोर्ट में यह भी माना गया कि गर्भपात के बाद भी और शादीशुदा की जानकारी के बावजूद वह ऐसा करती है. आरोपी को उसकी पत्नी के साथ रहने के लिए सहमत थी. ऐसी स्थिति में बलात्कार और गर्भपात के लिए आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता. वहीं जान से मारने की धमकी के संबंध में कोई सबूत नहीं दिखते हैं. ऐसे में आरोपी चंद्रभान को कोर्ट ने आरोपों से दोषमुक्त कर दिया.