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यूट्यूब, एक्स और मेटा को एमपी हाई कोर्ट का नोटिस: कोर्ट की कार्रवाई की स्ट्रीमिंग की क्लिप सोशल मीडिया में अपलोड पर रोक

MP High Court Online Streaming: यूट्यूब, एक्स और मेटा को एमपी हाई कोर्ट का नोटिस: कोर्ट की कार्रवाई की स्ट्रीमिंग की क्लिप सोशल मीडिया में अपलोड पर रोक

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Rohit Sahu
यूट्यूब, एक्स और मेटा को एमपी हाई कोर्ट का नोटिस: कोर्ट की कार्रवाई की स्ट्रीमिंग की क्लिप सोशल मीडिया में अपलोड पर रोक

MP High Court Online Streaming: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश दिया है। इसके बाद हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग को तोड़-मरोड़कर सोशल मीडिया फेसबुक, एक्स, इंस्टग्राम और यूट्यूब पर डालकर पैसे और व्यूज कमाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट और वीडियो एडिटर्स पर को तगड़ा झटका दिया है। अब इन एकाउंट को अपना कंटेंटे भी डिलेट करना पड़ेगा कोर्ट ने फेसबुक, यूट्यूब, एक्स को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया है।

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लाइव स्ट्रीमिंग के दुरुपयोग पर लगाई थी जनहित याचिका

हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के दुरुपयोग को लेकर दमोह हटा के डॉ. विजय बजाज ने जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। इस याचिका में उन्होंने निवेदन किया था कि हाई कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के नियमों का उल्लंघन कर यूट्यूब, व्हाट्सएप्प, इंस्टाग्राम, एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो को एडिट कर भ्रामक और गलत टाइटल डाल के अपलोड किया जा रहा है।

कोर्ट ने क्लिप एडिट कर अपलोड करने पर रोक लगाई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग को एडिट कर सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर रोक लगाई है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार, मेटा, यूट्यूब, ट्विटर समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। साथ ही जो क्लिप अपलोड हैं उन्हें डिलीट भी कराने के लिए कहा गया है।

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न्यायपालिका की छवि पर पड़ रहा गलत असर

याचिकाकर्ता के वकील मुकेश कुमार अग्रवाल और उत्कर्ष अग्रवाल ने पक्ष रखते हुए बताया कि इस तरह की अपलोडिंग से कोर्ट की छवि पर गलत असर पड़ रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता उत्कर्ष अग्रवाल ने बताया कि इन वीडियो के कमेंट सेक्शन में जजों और वकीलों के खिलाफ भद्दे कमेंट भी किए जाते हैं। यह 2021 के ई कोर्ट प्रोसीडिंग के नियम 11-बी का भी उल्लंघन है। इसलिए, इस तरह के वीडियो रील और शॉर्ट्स पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2018 में कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हुई थी और 2021 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में ई कोर्ट प्रोसीडिंग्स शुरू हुई थी।

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