MP High Court On Jitu Patwari: एमपी हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता इमरती देवी से जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज कराई गई FIR को लेकर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन से भी जवाब मांगा है. दरअसल जीतू पटवारी के खिलाफ इमरती देवी ने SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. इसके खिलाफ जीतू पटवारी हाईकोर्ट पहुंचे थे. जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पटवारी को राहत दी है.
जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट में जस्टिस संजय द्विव्द सरकार ने इमरती देवी और मध्यप्रदेश शासन से पूछा कि पटवारी पर आरोप लगाने का आधार क्या है? बता दें जीतू पटवारी के’ बयान पर इमरती देवी ने ग्वालियर के डबरा थाने में धारा 509 (महिला के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग कर उसके सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश) और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (1) (r) में एफआईआर दर्ज कराई थी.
जीतू ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
इमरती देवी की एफआईआर को रद्द कराने के लिए जीतू पटवारी ने HC में पिटीशन लगाई. इसी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पटवारी को राहत दी. मामले में अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी. पीसीसी चीफ की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने पैरवी की. उन्होंने कोर्ट को बताया कि एफआईआर राजनीतिक उद्देश्य से की गई है. FIR में एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज है. जबकि पटवारी ने किसी भी बयान में कोई जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया
ये पूरा मामला
3 मई को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने दिया था बयान जिसका 16 सेकंड का वीडियो भी सामने आया था. इसमें वे पूर्व मंत्री इमरती देवी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है. जो अंदर चाशनी होती है. उनके लिए अब मैं कुछ बात नहीं कर रहा. हालांकि इस मामले में जीतू ने माफी भी मांगी थी.
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