MP High Court: एमपी में एक नाबालिग बेटी ने अपने पिता को लिवर देने के लिए हाईकोर्ट से परमिशन मांगी है. डॉक्टरों ने बेटी के लिवर देने पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद बेटी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर परमिशन मांगी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 20 जून तय की है.
बालिग होने में 2 महीने शेष
नाबालिग ने याचिका लगाते हुए कहा कि उसकी उम्र 18 साल होने में केवल 2 महीने शेष हैं. उसके पिता की कंडिशन खराब है. खासतौर पर आने वाले 15 दिन क्रिटिकल हैं. ऐसे में लिवर देने की परमिशन दी जाए. इसी पर मंगलवार को इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. नाबालिग बेटी की याचिका पर हाईकोर्ट ने पिता की कंडीशन को लेकर जुपिटर हॉस्पिटल से जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि लड़की के पिता 6 साल से लिवर की बीमारी से पीड़ित हैं.
ये है पूरा मामला
दरअसल 42 साल के पिता को नाबालिग बेटी अपना लिवर देना चाहती है. पिता शिवनारायण बाथम को डोनर नहीं मिलने पर बेटी ने ही लिवर देने का फैसला किया. बेटी की उम्र 2 महीने कम पड़ गई जिसके चलते डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट से मना कर दिया. इसके बाद बेटी ने 13 जून को हाई कोर्ट में परमिशन के लिए याचिका लगाई. बेटी ने दलील दी कि उम्र सिर्फ 2 महीने कम है और पिता के लिए अगले 15 दिन बहुत क्रिटिकल हैं. इसपर मंगलवार को अदालत ने चीफ मेडिकल ऑफिसर से पिता की मेडिकल रिपोर्ट मांगी. कोर्ट अब इस मामले में 20 जून को सुनवाई करेगा.
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याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि शिवनारायण बाथम इंदौर जिले के एक गांव में खेती करते हैं. उनकी पत्नी शुगर की मरीज हैं. वहीं शिवनारायण को लिवर खराब हो गया है. इसलिए उनकी पांच बेटियों में से सबसे बड़ी बेटी उन्हें लिवर डोनेट करना चाहती है.
बता दें ऐसा ही एक मामला बीते साल केरल से भी सामने आया था. तब कोर्ट ने नाबालिग बेटी को पिता को लिवर डोनेट करने की परमिशन दे दी थी.