MP High Court: ओबीसी (OBC) वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और उसके विपक्ष में करीब 100 याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। ये मामले वर्ष 2019 से पेंडिंग पड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर केसों में से 3 याचिकाएं निरस्त हो चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट में 13 फरवरी को सुनवाई
जबलपुर हाई कोर्ट में लंबे समय के बाद ओबीसी आरक्षण को लेकर दायर 91 केसों पर सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन पेंडिंग हैं।
सुप्रीम कोर्ट में इन केसों पर 13 फरवरी को सुनवाई निर्धारित है। इसी के साथ निवेदन किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले यहां सुनवाई नहीं की जाए। न्यायमूर्ति विनय सराफ और प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की युगलपीठ ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर 26 फरवरी को निर्धारित कर दी।
3 पिटीशन निरस्त
ओबीसी की ओर से विनायक शाह और अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट में दायर केसों में से 3 याचिकाएं निरस्त हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण की पिटीशन पेंडिंग होने के कारण हजारों परीक्षार्थियों का भाग्य अधर में है।
भर्ती एजेंसियों ने ओबीसी सेक्शन के 13 प्रतिशत चयनित उम्मीदवारों के रिजल्ट रोक दिए हैं। इसी तरह सामान्य वर्ग के केंडिडेट के परिणाम भी रोके गए हैं। कहा गया है कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और उसके विपक्ष में करीब 100 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। ये मामले साल 2019 से पेंडिंग पड़े हैं।
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