Motor Vehicle Act: मध्य प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट मामले में बुधवार को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हाईकोर्ट जबलपुर में पेश हुए हैं। प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के नियमों का पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को फटकार लगा दी।
ओपन कोर्ट में चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से कहा कि क्या आप कानून से ऊपर हैं? आपने नियमों (Motor Vehicle Act) का पालन करवाने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) January 17, 2024
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से कहा कि हमने आपको नियमों (Motor Vehicle Act) का पालन करवाने के लिए पर्याप्त समय दिया, लेकिन आपने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। जिसका एक हफ्ते में स्पष्टीकरण देना होगा।
एक दिन पहले HC ने पूछा था- आयुक्त खुद आएंगे या वारंट जारी करें
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से एक दिन पहले मंगलवार को पूछा था कि वे ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को खुद पेश कराएंगे या वारंट जारी करें।
इस पर अतिरिक्त महाधविक्ता ने आज बुधवार को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हाजिर करने का आश्वासन दिया था।
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यह है पूरा मामला
हाईकोर्ट जबलपुर ने एक दिन पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को निर्देश दिये थे कि वे खुद आकर बताएं कि आम जनता से मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के नियमों का पालन क्यों नहीं करवा पा रहे हैं।दरअसल, जुलाई 2023 में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने अंडरटेकिंग दी थी कि आगामी 6 माह में के भीतर एक्ट (Motor Vehicle Act) के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लग जाएगी।
इसी तरह एक्ट (Motor Vehicle Act) के नियमों के अनुसार प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक के सिर पर हेलमेट होगा और कार चालक सीट बेल्ट पहनेगा। सरकार ने अंडरटेकिंग दी थी कि 15 जनवरी 2024 के बाद यदि एक भी वाहन चालक एक्ट (Motor Vehicle Act) के नियमों का उल्लंघन करता है तो ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे।
मामले में 16 जनवरी को सुनवाई हुई थी। राज्य शासन की ओर से पालन प्रतिवेदन पेश किया और पूर्ण पालन के लिए अतिरिक्त मोहलत मांगी थी। जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था।
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लॉ स्टूडेंट ने 2021 में लगाई है याचिका
ग्वालियर की लॉ स्टूडेंट ऐश्वर्या शान्डिल्य ने साल 2021 में ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका दायर की थी। मामले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने यह याचिका ग्वालियर पीठ से मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कराई।
कागजों में हो रही कार्रवाई
याचिकाकर्ता की ओर से ग्वालियर के अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि परिवहन विभाग ने एक परिपत्र जारी कर कहा था कि जिस एजेंसी से वाहन खरीदा जाए, वहीं से क्रेता को हेलमेट भी बेचा जाए। याचिका में बताया गया कि प्रदेश में केवल कागजों में कार्रवाई हो रही है, जमीन पर नियमों का पालन नहीं हो रहा।
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